देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी 2020 तक देश में इलेक्ट्रिक व्हीक्ल यानी बिजली से चलने वाले वाहन बनाना शुरु करेगी. इस बाबत मारुति सुजुकी की मूल कंपनी जापान की सुजुकी ने टोयोटा के साथ करार को अंतिम रुप दे दिया है. दोनों ही कंपनियों ने फरवरी में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे.
बाजार में बिकने वाली हर दो में एक कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी के गुजरात स्थित संयंत्र में बिजली से चलने वाली कार का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए तकनीक टोयोटा मुहैया कराएगी. खास बात ये है कि गुजरात मे बनी कार की आपूर्ति टोयोटा को भी जाएगी. फिलहाल अब दोनों ही कंपनियां अब ऐसे तमाम मुद्दों का अध्ययन करेंगी जिससे ऐसे वाहन को बाजार में स्थापित करने में मदद मिले. अध्ययन के लिए मुद्दों में बिक्री बाद सेवा के लिए तकनीशियनों का प्रशिक्षण और पुराने पड़ चुके बैट्रियों का सही इस्तेमाल मुख्य रुप से शामिल है.
मारुति सुजुकी इस समय पेट्रोल, डीजल और गैस से चलने वाली गाड़ियों का निर्माण करती है. सरकार पहले ही 2030 तक बाजार में केवल बिजली से चलने वाली गाड़ियां बेचे जाने का इरादा चुकी है. कुछ यही वजह है कि सुजुकी ने बिजली से चलने वाली गाड़ियों के उत्पादन की की ओर कदम बढ़ाया. ध्यान रहे कि यूपीए सरकार ने 2013 में नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन 2020 शुरु की थी जिसका मकसद देश में बिजली और हाईब्रिड (आम ईंधन और बिजली दोनो ही से चलने वाले वाहन) गाड़ियों के उत्पादन को देश में बढ़ावा देना है. सरकार को उम्मीद है कि मिशन पर अमल से 950 करोड़ लीटर तेल की बचत हो सकेगी.
सुजुकी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार देश में बिजली से चलने वाले वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने में जुटी है. दूसरी ओर सुजुकी पहले ही अपने गुजरात संयंत्र में लिथियम-ऑयन बैटरी का उत्पादन शुरु करने का ऐलान कर चुकी है. अब ये तय हुआ है कि लिथियम-ऑयन बैटरी के अलावा इलेक्ट्रिक मोटर्स और दूसरे प्रमुख कल पूर्जे स्थानीय स्तर पर खरीदे जाएंगे. इस तरह बिजली से चलने वाले वाहनों के मामले में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दिया जा सकेगा.