नोएडा में बैंक लूटने आये लुटेरों ने दो गार्डों की हत्या कर दी. इस घटना से बरेली के बैंक कर्मी भी सिहर गए हैं. बरेली में भी बैंकों से लेकर एटीएम तक की सुरक्षा रामभरोसे ही है. हमने शुक्रवार को एटीएम की सुरक्षा का जायजा लिया तो यह बात एक बार फिर साबित हो गई. गार्ड सुरक्षा प्रहरी की जगह एटीएम आपरेटर की भूमिका ही निभा रहे हैं.
बीओबी पुलिस लाइन पुलिस लाइन गेट पर ही बीओबी का एटीएम है.इस एटीएम के बाहर बिना किसी हथियार एक गार्ड बैठा हुआ था, वह भी मोबाइल पर बातचीत करने में ही मशगूल था.एचडीएफसी बरेली कॉलेज के कालीबाड़ी गेट के पास ही एचडीएफसी का एटीएम है, शुक्रवार को यह एटीएम वीरान पड़ा हुआ था. एटीएम के बाहर कोई भी गार्ड नजर नहीं आया.
स्टेट बैंक बटलर प्लाजा के पास स्टेट बैंक का एटीएम है, इस एटीएम के बाहर भी एक गार्ड नजर आया, मगर उसके पास हथियार तो छोड़िए एक डंडा भी नहीं था.स्टेट बैंक बरेली कॉलेज कैंपस के अंदर स्टेट बैंक का एटीएम लगा हुआ है, ब्रांच से सटे इस एटीएम में भी एक गार्ड मिला. उसके पास सुरक्षा के लिए कोई भी हथियार नहीं था.प्रेम नगर मे गाला के पास लगे ए टी एम पर भी गार्ड बिना किसी हथियार के कियोस्क के अंदर बैठा मिला.
आठ करेंसी चेस्ट हैं बरेली में एसबीआई, पीएनबी, ओबीसी, सेंट्रल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और इलाहाबाद बैंक का एक-एक करेंसी चेस्ट है. बीओबी के दो करेंसी चेस्ट हैं.इनकी सुरक्षा के लिए गेट पर ही एक एक गनमैन तैनात रहता है.
अधिकांश गनमैन काफी उम्रदराज हैं. जिनमें से अधिकतर को फायर किये भी लम्बा समय हो गया है.
ग्रामीण बैंकों में अलार्म तक नहीं छोटे छोटे गांवों में एक-दो दुकान में ही बैंक की ब्रांच खुली हुई हैं. इनमें तो सुरक्षा उपाय का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया है. पिछले दिनों पुलिस जांच में तमाम ग्रामीण बैंकों में अलार्म तक नहीं मिला.कई बार बंद मिले हैं सीसीटीवी , मगर बरेली में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जब ब्रांच के कैमरों ने धोखा दे दिया.
पुलिस ने बैंक अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के तमाम बार निर्देश दिए, मगर बैंक अधिकारी इस पर विशेष ध्यान नहीं देते. बैंक कर्मचारी नेता संजीव महरोत्रा कहते हैं कि बैंकों की सुरक्षा आउटसोर्सिंग एजेंसी के हवाले हैं. ठीक यही हाल एटीएम का भी है. अधिकांश बैंकों ने सुरक्षा का बजट घटा दिया है. इसी कारण सुरक्षा के नाम पर महज खानापूरी ही होती है.
लीड बैंक मैनेजर ओपी बडेरा ने बताया कि बैंक में जनता का पैसा होता है. इसीलिए बैंक सुरक्षा के प्रति बेहद गंभीर हैं. पुलिस के साथ तालमेल बिठाकर सुरक्षा के उपाय किए जाते हैं. इसकी समय-समय पर समीक्षा भी की जाती है.