लाखों के घोटालों के आरोपों को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद रिकार्ड छिपाए जा रहे हैं. इस मामले में डीएम ने जांच के आदेश दिए थे लेकिन जांच अधिकारी यह कहते हुए हाथ खड़े कर रहे हैं कि उन्हें घोटाले से संबंधित रिकार्ड ही नहीं दिए जा रहे हैं. दरअसल, यह मामला बहेड़ी ब्लॉक की ग्राम पंचायत शाहपुरा डांडी का है. यहां की ग्राम प्रधान राजकुमारी पर विकास कार्यों में गड़बड़ी और घोटालों को लेकर तमाम गंभीर आरोप हैं.
इस मामले में हाईकोर्ट ने डीएम को माहभर में जांच पूरी करने के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया जा सका है. इस ग्राम पंचायत को लेकर ये मामले सामने आए हैं कि पूर्व में बनी छह सीसी रोड और चार खड़ंजा निर्माण के नाम पर मोटी रकम निकाल ली गई, जबकि ये काम पंचायत के पूर्व कार्यालय में कराए जा चुके हैं.
यह भी आरोप है कि प्रधान ने फर्नीचर खरीद के नाम पर 35 हजार रुपये का बिल लगाकर भुगतान करा लिया है, जबकि ग्राम पंचायत में फर्नीचर रखने के लिए कोई सरकारी भवन ही नहीं बना है. इसी तरह एलईडी स्ट्रीट लाइटों को भी मनमाने रेट पर खरीद कर गड़बड़ी करने, तमाम निर्माण कार्यों में ईंट, मिट्टी, रेता सहित अन्य निर्माण सामग्री क्रय करने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने सहित कई अन्य मामले उजागर किए गए हैं.
इस मामलों की जांच अधिकारी ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता और बीएसए ने जब जांच पूरी नहीं की तो डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह ने हाल में इन दोनों ही अधिकारियों को नोटिस जारी किया. इस पर अधिशासी अभियंता ने डीएम को लिखित तौर से यह जवाब दिया है कि बहेड़ी के बीडीओ जांच के लिए रिकार्ड ही नहीं दे रहे हैं. बगैर अभिलेखों के जांच पूरी कर पाना मुमकिन नहीं हो पा रहा है.
उन्होंने डीएम से इस संबंध में बीडीओ को निर्देश जारी करने का आग्रह किया है. इस संबंध में सीडीओ सत्येंद्र कुमार का कहना है कि रिकार्ड न देने के कारणों के बारे में संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब होगा.