रोडवेज का क्षेत्रीय कार्यालय एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं. इस बार क्षेत्रीय कार्यालय में कार्टेज रिफिलिंग के नाम पर हजारों रुपये का चूना लगाने की कोशिश की गई. मामला जानकारी में आने पर रोडवेज यूनियन ने हंगामा किया तो उसके भुगतान पर रोक लगा दी गई.
फ्लिप कार्ड पर टोनर रिफिलिंग विद इंक, मैग्नेट, ड्रम, पीसीआर और ब्लेड 88 ‘ए’ कीमत 589 रुपये है और टोनर रिफिलिंग विद इंक, मैग्नेट, ड्रम, पीसीआर और ब्लेड 12 ‘ए’ की कीमत 997 रुपये. जबकि इन दोनों की खरीद 1100 रुपये प्रति कार्टेज में की गई है. यह पूरी कार्टेज की कीमत है.
खुले बाजार में टोनर रिफिलिंग विद इंक करीब 250 रुपये में मिल जाती है. बाजार में यह कार्टेज करीब 11 हजार रुपये मिल जाएंगी, जबकि इसका बिल 54 हजार 516 रुपये बना. ऐसा करके हजारों रुपये का चूना रोडवेज का लगाया जा रहा है. कंप्यूटर के जानकारों की माने तो हर बार टोनर रिफिलिंग विद इंक को ही बदला जाता है इसके साथ मैग्नेट, ड्रम, पीसीआर और ब्लेड को हर बार बदलने की जरूरत नहीं होती.
ऐसा इसलिए किया गया है, इसके नाम पर मोटा बिल बनाकर रोडवेज को चूना लगाया जा सके. क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय में प्रिंटर कार्टेज खरीद में की गई गड़बड़ी यूनियन नेताओं की जानकारी में आने पर बिल पास होने पर रोकमेरी जानकारी में यह मामला नहीं है. जांच कराई जाएगी. इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है. यदि ऐसा हुआ तो मामला गंभीर है. रोडवेज की धनराशि को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा.