राजेंद्रनगर स्थित बांके विहारी मंदिर में भक्तों ने पवनपुत्र हनुमान जी के पराक्रम, रामभक्ति को सुना. यहां चल रही श्रीमद्भागवत कथा में बुधवार को हनुमान कथा हुई जिसमें उनके जन्म से लेकर लंका दहन समेत अनेक प्रसंगों का वर्णन हुआ.
आचार्य विजय महाराज ने हनुमान जी की महिमा बताई और कहा कि विश्व के 126 देशों में उनकी पूजा होती है.बांकेविहारी मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के बुधवार के आयोजन का आरंभ हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ से हुआ.
रामनगर हनुमान धाम के संस्थापक के साथ भक्तों ने श्रद्धापूर्वक हनुमान चालीसा का पाठ किया. उसके बाद आचार्य विजय ने हनुमान चालीसा का महत्व बताया. उन्होंने कहा कि श्रीराम की भक्ति बिना हनुमान भक्ति के पूर्ण नहीं हो सकती.
खुद प्रभु कहते हैं कि हनुमान भक्ति उनकी भक्ति जैसी ही पावन और फलकारी है. आचार्य विजय महाराज ने भक्तों को हनुमान चालीसा का भाव और चमत्कार बताया और कहा कि इसका नियमित श्रद्धापूर्वक पाठ करने से जीवन में मुश्किलों का अंत होता है.
कथा व्यास ने कई चौपाइयों का महत्व बताते हुए कहा कि नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करने से भय, डर पास नहीं आता है. उन्होंने बताया कि श्री हनुमान तीर्थ धाम रामनगर में उनके विविध स्वरूपों का दर्शन होता है.
साथ ही यहां विकलांग बच्चों की देखभाल भी होती है. कार्यक्रम में जेपी भाटिया, विजय गुप्ता, होशियार सिंह, विजय बसंल, संजीव गुलाटी, दीपक भाटिया, सुरेश चन्द्र पाठक आदि का सहयोग रहा.