प्रभारी मंत्री ब्रजेश पाठक विकास भवन में बैठक में व्यस्त थे तो 85 साल की बुजुर्ग पार्वती बाहर ही बैठ गई. पति की 25 साल पहले मौत, बेटों की मौत का दर्द अकेले झेल रही आंवला के खुर नवाबपुर गांव की वृद्धा एक घर दिलाने की गुहार लेकर आई थीं.
बैठक के बाद हाथ जोड़कर पहुंची तो प्रभारी मंत्री ने खुद उठकर अपने बगल में सोफे पर बिठाया. कोई कागजी दरख्वास्त नहीं थी. कान लगाकर पूरी फरियाद सुनी तो डीएम और सीडीओ को तुरंत बुला लिया.
तुरंत पात्रों की सूची में नाम जोड़ने और घर तक छोड़ने का इंतजाम करने के निर्देश दिए. भुता के जादनपुर गांव निवासी 70 साल के सुमेरलाल की बात सुनने को गैलरी से लौटकर आए. दोनों आवास दिलाने का भरोसा दिया.
विधायक नदारद, डटे रहे जिलाध्यक्ष
जिला योजना की बैठक में सांसद, सभी विधायक विशिष्ट सदस्य हैं. लेकिन, विकास की इस चर्चा से चार विधायक दूर ही रहे. बैठक में केवल नगर विधायक डॉ.अरुण कुमार, भोजीपुरा के बहोरनलाल मौर्य, मीरगंज के डीसी वर्मा, नवाबगंज के केसर सिंह गंगवार ही पहुंचे.
बहेड़ी के छत्रपाल सिंह काफी देरी से पहुंच सके. कैंट के विधायक और वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल लखनऊ में होने के चलते बैठक में नहीं पहुंचे. जबकि सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह गुलड़िया में होने के चलते बैठक में शामिल नहीं हो पाए.
बिथरी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल, फरीदपुर के श्यामबिहारी लाल आए ही नहीं. पप्पू भरतौल के स्थान पर उनका बेटा प्रतिनिधि के रूप में बैठक में शामिल हुआ. इसी तरह केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के प्रतिनिधि के रूप में सतीश रोहतगी बैठक में उपस्थित हुए.
हैरत की बात, जिला योजना समिति के सदस्य न होने पर भी भाजपा जिलाध्यक्ष रवींद्र सिंह राठौर बैठक में अंत तक डटे रहे. जिस प्रशासन ने विभागीय अधिकारियों के अतिरिक्त बाबुओं तक को बाहर कर दिया, उसने जिलाध्यक्ष को टोका तक नहीं.