बरेली शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर भुता ब्लॉक के गांव खजुरिया सम्पत् में 102 वर्ष के बुजुर्ग ने सोमवर को एक बड़ी लड़ाई जीत ली है. बिना शोर शराबे और हिंसा के रामप्रसाद शर्मा की जिद के आगे पूरे शिक्षा विभाग को झुकना पड़ा.
गांव में इंग्लिश मीडियम स्कूल को मंजूरी मंडे को देनी पड़ी. वह 102 वर्ष उम्र के बावजूद दो दिन से भूख हड़ताल पर बैठे थे. मंडे सुबह एसडीएम फरीदपुर राजेश कुमार, एबीएसए पुलिस के साथ खजुरिया सम्पत् गांव पहुंचे.
अफसरों ने भूख हड़ताल पर बैठे रामप्रसाद शर्मा सहित अन्य ग्रामीणों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में चयन के लिखित प्रस्ताव की कॉपी सौंपी और जूस पिलाकर भूख हड़ताल खत्म करा दी.
चार लोग बैठे थे भूख हड़ताल पर
भुता ब्लॉक के गांव खजुरिया सम्पत् में सरकारी स्कूल के सामने भूख हड़ताल पर बैठे बुजुर्ग रामप्रसाद शर्मा अकेले नहीं थे. राम प्रसाद के साथ उनके पूर्व अध्यापक बेटे रामेश्वर दयाल और नाती शिवओम शर्मा भी गांव में इंग्लिश मीडियम स्कूल की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे. उनके हौसले को देखकर गांव के गिरीश कुमार भी भूख हड़ताल पर बैठ गए.
लड़ने की नहीं रही ताकत
खजुरिया सम्पत् गांव के रामप्रसाद शर्मा इंटरमीडिएट पास हैं. गांव में ही खेतीबाड़ी करते हैँ. उन्होंने बताया कि छह माह पहले उन्हें बेटे रामेश्वर दयाल ने बताया कि गांव के प्राथमिक विद्यालय का चयन इंग्लिश मीडियम में हो गया है, जिसको सुनकर खुशी मिली थी, लेकिन कुछ माह बाद पता चला कि अफसरों ने खजुरिया सम्पत् के प्राइमरी स्कूल का नाम इंग्लिश मीडियम स्कूल से काट दिया.
जिसके बाद वह अफसरों के पास प्रार्थना पत्र लेकर गए थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. बार- बार शहर आकर अफसरों के ऑफिस के चक्कर लगाने की ताकत भी नहीं बची थी सो गांव में भूख हड़ताल पर बैठ गए.
बुजुर्ग की जंग को भुलाया नहीं जा सकता
प्राथमिक विद्यालय का चयन इंग्लिश मीडियम के लिए हुआ है. यह गांव वालों के लिए सौभाग्य की बात है. लेकिन इसके लिए बुजुर्ग रामप्रसाद शर्मा ने जो प्रयास किया उसे भुलाया नहीं जा सकता.
रामपाल, पूर्व अध्यापक
इंग्लिश मीडियम स्कूल बनने से गांव के बच्चे भी उसमें पढ़ सकेंगे. मुझे भी बहुत खुशी हुई कि आने वाली पीढ़ी इसका लाभ पा सकेगी. बुजुर्ग रामप्रसाद ने बेटे और नाती के साथ भूख हड़ताल पर बैठकर यह जंग जीती है
हरीपाल, ग्रामीण
गांव में इंग्लिश मीडियम स्कूल बन जाए इसके लिए सभी प्रयासरत थे. अफसरों के पास भी गए, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. आज रामप्रसाद शर्मा की मेहनत रंग लाई है.
रामप्रकाश, प्रधान पति