सिविल एन्क्लेव के लिए नक्शे के अनुसार चाही गई जमीन अधिग्रहण होने और निर्माण कार्य शुरू होने के एक माह बाद नया पेच उभर आया. इस नए पेच ने टैक्सी ट्रैक का निर्माण अटका दिया. अधिग्रहीत जमीन घुमावदार होने के कारण ट्रैक ही कर्व (घुमाव) में फंस गया. स्ट्रेट ट्रैक (सीधा) के लिए करीब 2800 वर्गमीटर जमीन कम पड़ गई.
अतिरिक्त जमीन का प्रबंध करने के लिए गुरुवार को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के संयुक्त महाप्रबंधक राजीव कुलश्रेष्ठ और अन्य अधिकारियों ने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी से मुलाकात की. लेखपाल से नक्शे के आधार पर सोमवार तक पूरी रिपोर्ट मांगी गई है.
मुड़िया अहमदनगर पड़ोसी गांव चावड़ में अधिग्रहीत की गई भूमि पर निर्माणाधीन है. एयरपोर्ट अथॉरिटी के लेआउट और उसकी मांग के अनुसार जिला प्रशासन ने करीब 45 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है. मई से अथॉरिटी ने पहले चरण में ट्रैक्सी ट्रैक का निर्माण कार्य शुरू कर दिया.
यह है मुश्किल: ट्रैक का निर्माण वायुसेना स्टेशन के किनारे स्थित भूमि पर किया जा रहा है. करीब 40 मीटर से अधिक चौड़ाई में जमीन ऊबड़-खाबड़ और गहरे गड्ढे में होने के कारण एक महीने से अधिक का वक्त केवल जमीन समतल कराने और उसके भराव कर ऊंचा करने में ही लग गया.
लेवलिंग के बाद जो स्थिति उभरी में उसमें ट्रैक का टेल प्वाइंट भूमि के सीधी दिशा में न होने के चलते कर्व में आ रहा है. उड़ान सेवा नियमित होने पर ऐसी स्थिति में विमानों को घुमाने और अन्य कार्य में दिक्कतें आएंगी.
पैमाइश पर भी उठे सवाल: ट्रैक के लिए जमीन के नए पेच से तहसील सदर प्रशासन की अधिग्रहीत जमीन की पैमाइश पर सवाल खड़े हो गए हैं. अब जमीन कम पड़ने और घुमावदार होने पर ट्रैक के लिए अधिग्रहीत सात एकड़ अतिरिक्त भूमि की नए सिरे से पैमाइश कराई जा सकती है.