उच्च शिक्षा हासिल करने में छात्राओं की मदद के लिए सरकार ने अहिल्या बाई कन्या नि:शुल्क योजना को इस साल से अमल लाने का फैसला किया है. इसका लाभ पिछले शैक्षिक सत्र की छात्राओं को भी मिलेगा. हालांकि अभी सरकार छात्राओं की स्नातक तक की ही शिक्षा का खर्च उठाएगी.
शासन ने इस बाबत आदेश जारी करते हुए सभी राज्य विश्वविद्यालयों, राजकीय, अनुदानित और स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों से स्नातक में अध्ययनरत छात्राओं की संख्या, उनसे वसूले जाने वाले शुल्क और नि:शुल्क शिक्षा पर आने वाले व्यय भार की सूचना मांगी है.
ट्यूशन फीस या पूरी फीस होगी माफ, यह अभी स्पष्ट नहीं
संयुक्त शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा) डॉ. पीके वार्ष्णेय ने कुलसचिव को इस बाबत पत्र जारी किया है. इसकी प्रतिलिपि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को भी भेजी गई है. विश्वविद्यालय और कॉलेजों से तत्काल सभी सूचनाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है.
शासन ने एक फार्मेट भी जारी किया है. इसमें विश्वविद्यालय और कॉलेज स्तर पर अलग-अलग संकाय जैसे कला, विज्ञान, वाणिज्य, शिक्षा में प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष में छात्राओं की संख्या, फीस, परीक्षा एवं खेल शुल्क आदि का विवरण मांगा गया है.
राजकोष में कितना पैसा जमा होता है उसका भी ब्योरा मांगा गया है. अधिकारियों का कहना है कि सरकार छात्राओं की ट्यूशन फीस माफ करेगी या पूरी, यह अभी स्पष्ट नहीं है. हालांकि योजना का लाभ छात्राओं को शैक्षिक सत्र 2017-18 से मिलेगा. यानी इस बार छात्राओं को शुल्क देना नहीं होगा.
अहिल्या बाई कन्या नि:शुल्क योजना के तहत छात्राओं को स्नातक मुफ्त शिक्षा दी जानी है. इस दायरे में विश्वविद्यालय समेत सभी कॉलेजों की छात्राएं आएंगी. शासन ने आदेश जारी कर दिया है. सभी संस्थानों से छात्राओं को फीस का ब्योरा मांगा है.
– डॉ. राजेश प्रकाश, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी