शहर से हवाई उड़ान की कसरत जमीन पर उतरते ही बिजली के तारों में उलझ गई है. यह तार शहर में सप्लाई वाली लाइन के हैं. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने निर्माण कार्य शुरू कराने से पहले एन्क्लेव क्षेत्र की जमीन पर खड़े पोल और 33 केवीए की लाइन शिफ्ट कराने को कहा था.
पोल और तार स्थानांतरित करने का खर्चा पता चलने पर प्रशासन असमंजस में है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के तहत नगरी वितरण खंड-प्रथम के एक्सईएन ने एक करोड़ आठ लाख रुपये का एस्टीमेट डीएम को भेज दिया. प्रशासन इसी उधेड़बुन में है कि इतनी बड़ी रकम चुकाएगा कौन. अब रकम की मांग लखनऊ में नागरिक उड्डयन विभाग को भेजी जा रही है.
सिविल एन्क्लेव के लिए अधिग्रहण से पूर्व पूरी जमीन कृषि क्षेत्र थी. इस भूमि के ऊपर से ही मध्यांचल विद्युत निगम लिमिटेड के तहत दोहना बिजली घर से शहर में आपूर्ति होने वाली हाईटेंशन (33 केवी) लाइन गुजर रही है.
टैक्सी ट्रैक और टर्मिनल निर्माण के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी की टीम ने पिछले सप्ताह डीएम के निरीक्षण के दौरान पूरे एन्क्लेव क्षेत्र से यह लाइन शिफ्ट कराने का आग्रह किया था. डीएम ने चीफ इंजीनियर को इस बाबत लिखा था.
प्रभावित होगी आइवीआरआइ और डीडीपुरम की सप्लाई
एन्क्लेव के ऊपर से सीधे दोहना बिजली घर से लाइन गुजर रही है. इसी लाइन से 24 घंटे निर्बाध आपूर्ति वाला आइवीआरआइ और डीडीपुरम, राजेंद्र नगर, एकता नगर तक का पूरा क्षेत्र जुड़ा है. लाइन शिफ्टिंग और भूमिगत कार्य के दौरान इस क्षेत्र की आपूर्ति प्रभावित होगी.