शहर में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान में भाजपा की खींचतान खुलकर सामने आ गई है. मेयर उमेश गौतम के इस अभियान पर केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने असंतोष जताया है. अभियान से हो रही जनता की दिक्क्त का हवाला देते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
जिसमें मेयर को युवा ऊर्जावान बताया है, जबकि खुद को लघु अनुभवी बताते हुए लिखा है कि ऐसे अभियान का असर सीधे जनप्रतिनिधियों व सरकार पर पड़ता है. इस लिए स्वच्छ भारत अभियान की तरह ही सभी की सहमति से इस अभियान की भी रणनीति तैयार की जाए. संतोष गंगवार ने अभियान को लेकर मेयर को भी पत्र लिखा है.
बीच में रुक गया था अभियान
उमेश गौतम के मेयर बनने के बाद शहर में लगातार अतिक्रमण अभियान चल रहा था, लेकिन बीच में अचानक 10 दिन के लिए यह अभियान रोक दिया गया था. इस पर पत्रिका ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था कि क्या वोट बैंक के लिए रुक गया अतिक्रमण अभियान.
संतोष गंगवार ने यह पत्र 22 मार्च को मुख्यमंत्री को लिखा था. ऐसे में माना जा रहा है कि संतोष के असंतोष जताने पर ही अतिक्रमण हटाओ अभियान रोका गया था. 10 दिन बंद रहने के बाद एक बार फिर शहर में यह अभियान शुरू हो गया है.
पत्र के कुछ अंश
‘नगर प्रमुख चुने जाने के तत्काल बाद ही उमेश गौतम द्वारा संपूर्ण नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत अतिक्रमण हटाए जाने का फैसला लिया गया, जो निसंदेह साहसपूर्ण निर्णय है. अपने लघु अनुभव के आधार पर मेरी व्यक्तिगत सोच यह भी है कि इस प्रकार के निर्णयों का सरकारी मशीनरी द्वारा कठोरतम क्रियांवयन करवाए जाने से जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक दलों को प्रभावित हुए परिवारों की आलोचना का शिकार भी होना पड़ता है.
एकतरफा कठोर कार्रवाई से बड़ी संख्या में प्रभावित हुए स्थानीय निवासियों में ऐसे रोष का प्रकट होना स्वाभाविक ही है. अभियान से आम जनता को पिछले काफी समय से हो रही कठिनाइयों एवं परेशानियों को ध्यान में रखते हुए मेरे विचार से इसका समग्र पुनर्वलोकन किया जाना समय की आवश्यकता है.