शहर भर में मिलावटी आटे का हल्ला मचा है. शहरवासी परेशान हैं, मगर प्रशासन की गंभीरता और सजगता देखिए कि छापेमारी मसाला चक्की वालों पर की जा रही है. यानी मिलावटी आटा बाजार से हटाने का पूरा समय मिलावटखोरों के पास है.
सोमवार को इसी कड़ी में सिटी मजिस्ट्रेट यूपी सिंह और एफएसडीए अधिकारी ममता कुमारी की अगुवाई में होली चौराहा और पीली कोठी की अवैध मसाला फैक्ट्री में छापामारी की गई.
बिना लाइसेंस चल रही फैक्ट्री में बिना बैच नंबर, पैकिंग के डिब्बे सीज किए गए और घटिया हल्दी के अलावा मशीनों से चावल की कनकी भी बड़ी मात्रा में बरामद की गई. अफसरों ने बताया कि यह मसाले शंकर ब्रांड के नाम से बेचे जा रहे थे. उधर, आटे की सप्लाई गिरने से घबराए कंपनी वालों ने बरेली मंडी का सर्वे किया.
आईटीसी, गोपाल भोग, संतोष भोग और नेचर फ्रेश समेत कई ब्रांड की सेल 30 से 40 फीसदी तक गिरी बताई जा रही है. आईटीसी की एक हफ्ते में सेल 14 टन यानी दो टन प्रतिदिन के हिसाब से घटी है. तकरीबन यही हाल दूसरे ब्रांडों का भी बताया जा रहा है.
आईटीसी टीम पहुंची, मांगा ‘आशीर्वाद’
सोमवार दोपहर आईटीसी की टीम आशीर्वाद आटा में रबर और प्लास्टिक जैसी शिकायतों से गिरे कारोबार का आकलन करने बरेली पहुंची. मुख्य बाजार और व्यापारियों से संपर्क कर ‘आशीर्वाद’ मांगा.
टीम ने कंपनी की ओर से जारी तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध कराई. टीम ने देखा कि मांग कम होने से ज्यादातर दुकानदारों ने आशीर्वाद आटे का स्टाक क्लीयर कर दिया है. छोटे बाजारों में भी स्थिति देखी गई.
आशीर्वाद की सेल एक हफ्ते में 14 टन लड़खड़ाई है. नेचर फ्रेश, गोपाल भोग, संतोष भोग समेत अन्य ब्रांडों पर भी 40 प्रतिशत तक असर दिखा है.
उधर, टीम पहुंचने से पहले सोमवार सुबह शहर में कंपनी ने पंफलेट भी वितरित कराए थे, इसमें आटा में रबर और प्लास्टिक नहीं होने का दावा किया गया. टीम मंगलवार सुबह प्रशासन में पक्ष रखेगी.
आशीर्वाद सुरक्षित और शुद्ध: आईटीसी टीम
आईटीसी टीम ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि हमारा आटा देश भर में करीब ढाई करोड़ उपभोक्ता इस्तेमाल करते हैं. इतनी बड़ी सेल अन्य कोई कंपनी नहीं करती.
बरेली जिले में हर दिन पांच टन से ज्यादा औसतन सेल होती है. उन्होंने दावा किया कि आशीर्वाद आटा सुरक्षित और शुद्ध है. उसके अंदर किसी तरह की कोई मिलावट नहीं है. गिलोटीन मात्रा दस प्रतिशत होने से खिंचाव होता है. इसके चलते ही लोगों में भ्रम की स्थिति बनी है. इसे दूर करने के लिए कंपनी प्रयासरत है.
चावल मांग 20 फीसदी बढ़ी
ब्रांडेड आटा में रबर और प्लास्टिक जैसा खिंचाव होने की शिकायतों से बाजार काफी प्रभावित हुआ. ब्रांडेड आटे की मांग कम होने से लोगों का रुझान चावल की ओर हुआ है, इससे 20 फीसदी बारीक चावल की मांग बढ़ गई है.
राइस और फ्लोर मिलों के जानकार व्यापारी नेता राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि आटे की मांग गिरने से बाजार में खलबली मची है, लोगों को भ्रम दूर होते ही स्थिति सामान्य हो जाएगी.