शहर के मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सहित सभी धर्मस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर बिना अनुमति बज रहे लाउडस्पीकर 20 जनवरी तक उतार लिए जाएंगे. जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश पर प्रमुख सचिव गृह ने इसका फरमान जारी किया.
बुधवार तक ही राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम बनाकर ऐसे स्थानों को चिह्न्ति करने को कहा गया. प्रभारी जिलाधिकारी ओपी वर्मा ने एसएसपी के साथ ही सभी एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट और एसीएम को निर्देश भेज दिए.
हाईकोर्ट ने छह सप्ताह के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट के साथ प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार से शपथ पत्र मांगा है. एक फरवरी तक सरकार को शपथ पत्र दाखिल करना है.
यह आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मोतीलाल यादव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार की जनहित याचिका पर दिया. डीएम, एसएसपी को भेजे आदेश में कहा है कि 10 जनवरी तक टीमें बनाकर पांच दिन में यानी 15 जनवरी तक ऐसे धर्मस्थलों, सार्वजनिक स्थलों का निरीक्षण कर चिह्न्ति करें.
बिना अनुमति चल रहे लाउडस्पीकर पर संबंधित स्थलों के प्रबंधकों, संचालकों या कर्ताधर्ता व्यक्तियों को अनुज्ञा प्रपत्र पर आवेदन करना होगा.
इसके बाद भी जिन स्थलों के लिए अनुज्ञा न ली गई हो वहां के लाउडस्पीकर उतरवाकर जब्त किए जाएं. कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिग भी कराएं.
जिसने की लापरवाही, उस पर गिरेगी गाज: आदेश में साफ कहा है कि डीएम, एडीएम, एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, एसीएम और इसी व्यवस्था में पुलिस अधिकारियों को प्राधिकृत अधिकारी बनाकर जिम्मेदारी दी जाए.
20 तक की गई कार्रवाई का पूरा ब्योरा मय रिकॉर्ड के 22 जनवरी तक ईमेल व डाक से गृह विभाग में भेजा जाना है. प्राधिकृत अधिकारी बनाए गए अफसरों में जिसके दायित्व निर्वहन में लापरवाही मिली उस पर शासन स्तर से गाज गिरेगी.
हर क्षेत्र में ध्वनि मानक तय1आदेशों के साथ ही ध्वनि मानक और कार्रवाई का प्रारूप भी भेजा है. हर क्षेत्र में अलग-अलग मानक निर्धारित हैं. दिन का समय सुबह 6 से रात 10 बजे तक और रात का समय 10 बजे से सुबह छह बजे तक माना जाएगा.