दस साल बाद चौपुला पुल के पास स्थित पीली कोठी एक बार फिर चर्चाओं में है. जब पुल एल शेप बना तो उसके पीछे कोठी को बचाने के आरोप लगे. अब पुल वाई शेप में कराने की कोशिशें चल रही हैं तो कोठी को नहीं तोड़े जाने के लिए कोर्ट का फैसला आ गया है.
ऐसे में माना जा रहा था कि पुल को वाई शेप में कराने का प्रस्ताव रोक लिया जाएगा लेकिन प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने साफ कर दिया कि पुल तो वाई शेप में ही होगा.
यहां तक कह दिया कि ऐसा जनहित में हो रहा है और जनहित के लिए तो कोतवाली तक ली जा सकती है. जनहित ही सबसे ऊपर है और इस पर ध्यान देना जरूरी है.
जब चौपुला पर पुल बना था, तब ही यातायात प्रभावित होने की समस्या सामने आ गई थी. ऐसा इसलिए क्योंकि पुल एल शेप में होने की वजह से वाहन सिटी स्टेशन जाने वाले मार्ग पर उतरकर वहां से अंदर शहर में आने के लिए मुड़ते हैं.
इस दौरान शहर के भीतर से भी वाहन जा रहे होते हैं और दिल्ली की ओर से भी आते रहते हैं. इन्हीं कारणों से यहां जाम लग जाता है. कोठी को टूटने से बचाने के लिए ही राजनेताओं ने पुल को एल शेप में बनवाया.
अब जब चौपुला पुल पर जाम की समस्या गंभीर हुई तो जनहित सामने रखते हुए वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने पुल को वाई शेप में कराने का प्रस्ताव सेतु निगम से तैयार कराया है. पुल का एक हिस्सा पुलिस लाइंस या अयूब खां की तरफ जाने वाले मार्ग पर उतरेगा. तब उसकी जद में पीली कोठी के भी आने की संभावना है.