साईं अस्पताल प्रकरण के आइएमए अस्पताल के पक्ष में खड़ा हो गया है. सभी पदाधिकारी गुरुवार सुबह विकास भवन पहुंचे और प्रभारी डीएम-सीडीओ का घेराव किया. पूरा अस्पताल सील करने को नियम विरुद्ध बताया.
चिकित्सकों ने कहा कि आइसीयू में हादसा हुआ है, जिसे प्रशासन ने पहले ही सील कर चुका है. अस्पताल में डायलिसिस व अन्य गंभीर हालत के मरीजों भर्ती है. इनको स्थानांतरित करना आसान नहीं है इसलिए अस्पताल को खुला रखा जाना जरूरी है.
सीडीओ ने मरीजों को अन्य जगह रेफर करने को कहा तो चिकित्सक बोले कि रेफर करने के दौरान यदि कोई अनहोनी हुई तो जिम्मेदारी कौन होगा. बाद में सीडीओ ने आइएमए अध्यक्ष डॉ. प्रमेंद्र माहेश्वरी को बुलाया और उनसे मामले पर मंथन किया.
पहले विकास भवन करो सील : सीडीओ से कोई राहत नहीं मिलने पर चिकित्सकों ने विकास भवन में निरीक्षण कर डाला. दीवारों पर लगे मकड़ी के जालों से साईं हॉस्पिटल की दुर्घटना की तुलना कर डाली. अग्निशमन यंत्र, शौचालय, बिजली की लाइनें देखकर प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए.
इस दौरान चिकित्सकों ने कहा कि यहां मकड़ी के जालें लगे, साफ सफाई नहीं हैं, सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं, ऐसे में सबसे पहले विकास भवन को ही सील कर देना चाहिए.