उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि एडेड कॉलेजों में विनियमितीकरण की तिथि ही शिक्षकों की वरिष्ठता का आधार रहेगी, न कि अस्थाई नियुक्ति की तारीख. अगर किसी कॉलेज में अस्थाई नियुक्ति के आधार पर वरिष्ठता सूची बनाई गई तो प्राचार्य और प्रबंधक के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
राज्य उच्च शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार सिंह ने राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिव और क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को ऐसा कहते हुए पत्र जारी किया है.
सहायक निदेशक ने स्पष्ट किया है कि एडेड कॉलेजों में अस्थाई नियुक्ति के आधार पर वरिष्ठता सूची जारी करने से अराजकता के हालात हैं. दरअसल, वरिष्ठता सूची का अधिकार प्राचार्य के पास रहता है. वे इसमें अनियमितता करते हैं. इससे कैंपस का शैक्षिक माहौल बिगड़ता है.
ऐसी स्थिति में पीड़ित शिक्षक को मजबूरन कोर्ट जाने को विवश होना पड़ता है. कई तो अपना हक पाने की जंग लड़ते-लड़ते रिटायर तक हो जाते हैं. यह चिंताजनक है.
शासनादेश में सब कुछ साफ होने के बावजूद गड़बड़ी की स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सूत्रों की माने तो अधिकांश एडेड कॉलेजों में सीनियर शिक्षकों को दरकिनार कर जूनियर्स को वरिष्ठता सूची में जगह दी गई है.
बरेली कॉलेज में हलचल
बरेली कॉलेज में वरिष्ठता सूची को लेकर अमूमन हर साल विरोध के स्वर फूटते हैं. अगर स्थाई नियुक्ति के लिहाज से वरिष्ठता सूची बनाई जाए तो करीब 30 सीनियर शिक्षकों को उनका हक मिल जाएगा. शासन का पत्र जारी होने के बाद प्रबंधन की मेहरबानी से सीनियर पद पर पहुंचे शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई है.
कॉलेजों को भेजा पत्र
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. आरपी यादव ने बताया कि वरिष्ठता के संबंध में शासन का पत्र कॉलेजों को भेज दिया गया है. स्थाई नियुक्ति की तिथि से ही वरिष्ठता तय होगी.