रमजान में कहीं कोई खुराफात न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. जिसके तहत जहां सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा रही है और खुराफात करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी वहीं अफसर और कर्मचारी भी बगैर अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे.
जिलाधिकारी वीरेन्द्र कुमार सिंह और एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में रमजान को लेकर मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये.
होगी एफआईआर
बैठक में घटना विहीन पर्व सम्पन्न कराने की कार्य योजना पर चर्चा हुई. सोशल मीडिया पर जिला स्तर से लेकर तहसील, थानों तक पैनी नजर रखने को कहा गया है यदि सोशल मीडिया पर कोई आपत्तिजनक मैटर पोस्ट करता है तो तो उसका स्क्रीन शॉट लेकर तत्काल एफआईआर होगी.
जिलाधिकारी एवं एसएसपी ने कहा कि किसी भी आपत्तिजनक/संदिग्ध सामान दिखने, व्यक्ति दिखने, कोई क्रियाकलाप दिखने, छोटी मोटी घटना-बाद-विवाद की स्थिति पर तत्काल कड़ी विधिक कार्रवाई कर दी जाये.
24 घण्टे एक्टिव रहेंगे थाने
बैठक में बताया गया कि प्रत्येक थाना 24 घंटे सतर्कता में रहेगा. पुलिस थाने का एसएचओ व एसएसआई ऐसी प्लानिंग रखेंगे कि हर समय एक पुलिस टीम हाई अलर्ट पर रहेगी. जब एसएचओ आराम करेंगे तो एसएसआई हाई अलर्ट पर तथा जब एसएसआई आराम करेंगे तो एसएचओ हाई अलर्ट पर होंगे. फोर्स की क्लस्टर टीम पर दंगा नियंत्रण उपकरण व सभी सामान होंगे.
क्षेत्र में अफसर करेंगे भ्रमण
एसडीएम व सीओ एक साथ भ्रमण करेंगे. छेड़छाड़ की घटनाओं, आवारागर्दी करने वाले शोहदों पर कड़ा शिकंजा होगा. बाइक पर तीन सवारी पर कार्रवाई होगी. प्रशासन व पुलिस ने ऐसी कार्य योजना पर बल दिया कि कोई अप्रिय घटना नहीं हो यदि कोई खुराफात का प्रयास भी करे तो उस पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो जाये.
अन्य विभागों को भी निर्देश
जिलाधिकारी वीरेन्द्र कुमार सिंह ने नगर निगम, विद्युत्, स्वास्थ, डीपीआरओ, जल निगम आदि को एक-एक कर निर्देशित किया कि नागरिक सुविधायें समुचित प्रकाश व्यवस्था, मस्जिदों, ईदगाहों व अन्य कार्यक्रम स्थलों पर विशेष साफ-सफाई, समुचित पेयजल आपूर्ति, निर्वाध विद्युत आपूर्ति विशेषक रोजा अफ्तार व शहरी के समय में होना सुनिश्चित किया जाये.
नमाज के समय पर ट्रैफिक रुट के डायवर्जन व अन्य ट्रैफिक व्यवस्था रखी जायें. स्वास्थ्य विभाग इमरजेंसी वार्ड व दवायें सुनिश्चित करें. ग्रामीण क्षेत्रों में भी अस्पतालों व डॉक्टर की उपलब्धता रहे.
एम्बुलेंस जरुरत पर तत्काल अटेंड करें. प्राईवेट अस्पतालों को सूचीबद्ध कर उनकी सेवायें भी संज्ञान में रखी जाएं. आवारा पशुओं को नियंत्रित रखा जाये. जुमा की नमाज में भीड़ अधिक होती है उस दौरान विशेष व्यवस्थाएं हों.