विधानसभा चुनाव से पहले यादव परिवार में मचे घमासान का असर बरेली में भी देखने को मिला था. बरेली में सपा जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव की जगह युवा नेता शुभलेश यादव को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी. तब से बरेली में समाजवादी पार्टी में आई दरार अभी भी नहीं भरी जा सकी है.
आलम यह है कि सरकार के खिलाफ होने वाले धरना प्रदर्शन भी अलग-अलग खेमों में किए जा रहे हैं. सोमवार को भी यह नजारा देखने को मिला, जब शहर में केंद्र सरकार के खिलाफ सपा के दो प्रदर्शन हुए. एक प्रदर्शन जिला संगठन के निर्देश पर समाजवादी पार्टी के फ्रंटल संगठनों ने किया, जबकि दूसरा विरोध प्रदर्शन पूर्व मंत्री भगवत सरण गंगवार के नेत्तृव में हुआ.
पार्टी कार्यालय से बनाई दूरी
समाजवादी पार्टी के पास मौजूदा समय में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी है. जिस पर संजय सिंह काबिज है, लेकिन वो काफी लम्बे समय से पार्टी कार्यालय और कार्यक्रम में नजर नहीं आए है. इतना ही नहीं पार्टी नेतृत्व के आदेश पर होने वाले मिशन कम्पाउंड स्थित पार्टी के कार्यक्रम में भी तमाम नेता शामिल होने नहीं पहुंचते हैं.
कार्यालय के रंगरोगन के बाद हुए कार्यक्रम में भी पूर्व सांसद सर्वराज सिंह को छोड़ कर कोई भी बड़ा नेता नहीं पहुंचा, जबकि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बदायूं के सांसद और सैफई परिवार के सदस्य धर्मेंद्र यादव पहुंचे हुए थे. पार्टी के पूर्व विधायक और प्रवेश प्रवक्ता अताउर्रहमान ही ऐसे नेता हैं जो कार्यक्रम कोई भी करे पार्टी का कार्यक्रम मान कर शामिल होते हैं.
सबकी नजर जिलाध्यक्ष पद पर
समाजवादी पार्टी के कई बड़े नेता नाराज बताए जा रहे हैं. पूर्व मंत्री भगवतशरण गंगवार जिलाध्यक्ष से इसलिए नाराज हैं, क्योंकि जिलाध्यक्ष ने उनकी विधानसभा क्षेत्र के छोटेलाल गंगवार को पार्टी में शामिल करा लिया है.
जबकि पूर्व विधायक शहजिल इस्लाम की नाराजगी इस बात से है कि उनके विरोध के बाद भी मीरगंज के पूर्व विधायक सुल्तान बेग सपा में शामिल हो गए. वीरपाल यादव की नाराजगी इस बात से है कि उनकी जगह ही शुभलेश यादव को जिलाध्यक्ष बनाया गया है.