गन्ना उत्पादक डिग्री कॉलेज बहेड़ी में वित्तीय अनियमितताओं के शिकायत के बाद डीएम ने जांच के आदेश कर दिए हैं. कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य की नियुक्ति को लेकर भी राज्यपाल से शिकायत की गई है.
गन्ना उत्पादक डिग्री कॉलेज का संचालन गन्ना समिति बहेड़ी की प्रबंध समिति करती है. डीएम इस प्रबंध समिति के पदेन अध्यक्ष और गन्ना समिति के चेयरमैन कॉलेज के पदेन प्रबंधक होते हैं. पिछले 2 वर्ष से कॉलेज प्रबंध समिति की कोई भी बैठक नहीं हुई.
अब जाकर बैठक हुई जिसमें प्रबंध समिति के सदस्य चौधरी गजेंद्र सिंह और पूर्व प्रबंधक दिनेश कुमार सूर्य ने कॉलेज में अनियमितताओं के मामले उठाए. आरोप है कि 2 वर्ष पूर्व हुई बैठक में कालेज में डेढ़ करोड़ की लागत से गेट और पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव पास हुआ था.
इसके लिए एक निर्माण समिति भी बनाई गई थी. अंदरखाने ही इस समिति को बदलकर निगरानी समिति का नाम दे दिया गया. निगरानी समिति ने पिछले कुछ समय में 2.27 करोड़ रुपये खर्च कर लिए.
जबकि कॉलेज के मेन गेट का निर्माण अभी शुरू भी नहीं हुआ है.मनमाने तरह से खर्च किया पैसाआरोप है कि बजट वर्ष 2018-29 में प्रवेश पत्र लेखा से स्ववित्त लेखा में 20 लाख रुपए ट्रांसफर कर खर्च कर लिए गया.
इसका प्रबंधकारिणी समिति में प्रस्ताव भी पारित नहीं कराया गया. न ही उच्च शिक्षा निदेशक से इसके लिए कोई अनुमति ली गई. वर्ष 2018-19 में बजट क्त्रमांक 10 पर तीन लाख की व्यवस्था थी और 413000 रुपये खर्च किए गए.
बजट क्रमांक 7 पर 840000 की जगह 949277 रुपये का खर्च किया गया. इसी तरह और भी धन का दुरुपयोग किया गया. प्राचार्य ने प्रशासनिक भवन के ऊपर व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए गेस्ट हाउस तो बनाया मगर कॉलेज में छात्र-छात्राओं के लिए कोई रूम तक नहीं है.
जांच को बनाई गई 3 सदस्यों की कमेटीआरोप गंभीर देखकर डीएम ने जांच का आदेश कर दिया. इसके लिए उच्च शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में 3 सदस्य कमेटी बनाई गई है. डीएम वीरेंद्र कुमार ने बताया कि निष्पक्ष जांच कराई जाएगी.
जो भी दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. इस मामले में प्राचार्य डाॠ अखिलेश कुमार पांडे से भी बात करने का प्रयास किया गया मगर वह फोन पर उपलब्ध नहीं हुए.