माह-ए-रमजान का मुबारक सफर शुरू हो गया है. जुमेरात (गुरुवार) को चांद का दीदार हो गया. मस्जिदों से जुमे (शुक्रवार) का रोजा रखने का ऐलान किया गया. लोगों ने एक-दूसरे को रमजान की मुबारकबाद दी. रात को पहली नमाज-ए-तरावीह पढ़ी गई.
दरअसल, बरेलवी मसलक में बुधवार को चांद दिखने की कोई शहादत (गवाही) नहीं मिली थी. देर रात तक इंतजार किया जाता रहा कि शायद कहीं से कोई शहादत मिल जाए. आखिर में यह ऐलान किया गया कि पहला रोजा अब जुमे के रोज होगा. क्योंकि जुमेरात को माह-ए-सावान की 30 तारीख यानी महीने का आखिरी दिन है.
दरगाह आला हजरत के मरकजी दारूल इफ्ता की ओर से गठित मरकजी सुन्नी रुयते हिलाल कमेटी के सदस्य और शहर काजी मुफ्ती असजद रजा खां के प्रतिनिधि खलील कादरी ने बताया कि रमजान का मुबारक सफर शुरू हो गया है. इस मुबारक माह में मुस्लिम तमाम गुनाहों से बचकर अल्लाह की इबादत करें. गरीब, बेसहारा लोगों की मदद करें.
सहरी की खरीदारी को उमड़ी भीड़
-शाम ढलते ही मुस्लिम बाहुल्य इलाकों का बाजार भीड़ से गुलजार हो गया है. औरतें और पुरुष खान-पान की दुकानों पर देर शाम तक खरीदारी करते नजर आए. सेवई, फल और सब्जियों की दुकानों पर खूब बिक्री हुई.
80 रुपये किलो फेनी
-रमजान के पकवानों पर इस बार कोई खास मंहगाई की मार नजर नहीं आई. पिछले साल की तरह इस बार भी फेनी 80 रुपये किलो, सादा सेवई 40 रुपये किलो और खजला सौ रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है.