नवरात्र के छठ दिन मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की गई. मंदिरों में पूजा व दर्शन करने को भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. घटा घड़ियाल की ध्वनि और माता के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया.
शहर के साहूकारा, कालीबाड़ी, डीडीपुरम्, बदायूं रोड चौरासी घंटा, मनोकामना वैष्णो धाम आदि मंदिरों सहित सीबीगंज व नेकपुर के ललिता देवी, नरियावल के शीतला देवी आदि मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी रही.
भक्तों ने पूजा-अर्चना की व उपवास रखा. महिला, पुरुषों व बच्चों ने माता के चरणों में सिर झुकाकर सुख, समृद्धि की कामना की. मंदिर परिसर के साथ घरों पर भी महिलाओं ने भजन गाकर मां का गुणगान किया.
सहज भाव से मा के दर्शन प्राप्त होते हैं भक्तों को
पं. नंद किशोर मिश्रा के अनुसार मा कात्यायनी नवदुर्गा का छठा रूप है. अमरकोश में इसे माता पार्वती के लिए दूसरा नाम माना जाता है. संस्कृत शब्द में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेमावती, इस्वरी इन्हीं के अन्य नात बताए गए हैं. शक्ति के आराधक के बीच माता कात्यायनी, शक्ति या दुर्गा, जिसमे भद्रकाली और चंडिका भी शामिल हैं.
उनके रूप में भी प्रचलित हैं. परंपरागत रूप से मा कात्यायनी देवी दुर्गा की तरह लाल रंग से जुड़ी हुई हैं. इस दिन साधक का मन आज्ञा चक्र में स्थित होता है. इसमें परिपूर्ण आत्मदान करने वाले ऐसे भक्तों को सहज भाव से मा के दर्शन प्राप्त हो सकते हैं.