बरेली में मिशन 33 हज़ार के पार चल रहा है. अभियान चलाकर बरेली में 33 हजार शौचालय प्रशासन बनवा रहा है. मगर राज मिस्त्रियों की कमी अभियान को झटका दे रही है. टारगेट हासिल करने के लिए मैदान में अफसर उतर गए हैं. डीपीआरओ विनय कुमार सिंह ने खुद कन्नी पकड़कर शौचालय के गड्ढे बनाने शुरू कर दिए.
जिला पंचायत राज अधिकारी से प्रेरणा लेकर कई अफसरों ने भी टॉयलेट का निर्माण किया.14 अप्रैल से लगातार शौचालय निर्माण करने का काम चल रहा है. टारगेट हासिल करने के लिए 2000 राजमिस्त्री की जरूरत है.
मगर गेहूं की कटाई की वजह से प्रशासन को सिर्फ 800 राजमिस्त्री ही मिल पाए हैं. नतीजा हजारों शौचालय अधूरे पड़े हुए. गड्ढे खुद गए हैं. मगर पिट तैयार नहीं हो पाया है. गड्ढे में गिरने से कई ग्रामीण जख्मी हो गए हैं.
जबकि एक वृद्धा अपनी जान गवां चुकी है. सोमवार को डीपीआरओ विनय कुमार सिंह में अधिकारियों की मदद से टॉयलेट बनाने शुरू कर दिए है. गड्ढे के अंदर घुसकर ईट लगानी शुरू कर दी. देखते ही देखते अफसर निर्माण में जुट गए.
जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया राज मिस्त्रियों को टॉयलेट के निर्माण करने का प्रशिक्षण दिया जाता है. उसी दौरान हमने भी पिट बनाना सीखा था. राजमिस्त्रियों की इन दिनों कमी है. लक्ष्य बड़ा है. इसको देखते हुए हमने खुद राजमिस्त्री के काम करने का फैसला किया है. ऐसा करने से लोगों को प्रेरणा मिलेगी.