बीए, बीकॉम, एमए और एमकाम के प्राइवेट अभ्यर्थियों से जायज अग्रसारण शुल्क लेकर उन्हें रसीद देने का रुहेलखंड विश्वविद्यालय का फरमान फिर बेअसर साबित हुआ है.
कई नामी कॉलेज परीक्षा फॉर्म की हार्ड कॉपी जमा करने के एवज में छात्रों से 800 से लेकर बारह सौ रुपये तक ले रहे हैं. बदले में उन्हें रसीद तक नहीं दी जा रही है.
रुविवि में बीए, बीकॉम प्रथम-द्वितीय वर्ष की परीक्षा फीस 1200 रुपये है. जबकि स्नातक-परास्नातक का अग्रसारण शुल्क 40-60 रुपये है. एडेड-राजकीय कॉलेज इसमें विकास शुल्क जोड़कर 150, 200 और अधिकतम 350 रुपये तक शुल्क लेते हैं.
जबकि निजी डिग्री कॉलेजों में यही फीस परीक्षा फॉर्म के बराबर तक पहुंच गई है. साल-दर साल कॉलेजों की मनमानी बदस्तूर जारी है. जबकि छात्र कॉलेजों की फीस चुकाने को मजबूर हैं.
बीए प्राइवेट द्वितीय वर्ष के छात्र अंकित ने एक निजी कॉलेज को परीक्षा केंद्र चुना है. उन्होंने दूसरे साल भी फॉर्म जमा करने के बदले में 800 रुपये फीस दी है. वो कहते हैं कि विवि में कोई सुनवाई नहीं है. शिकायत करने पर परीक्षा में और तंग किया जायेगा.