मशहूर कहावत है कि बेईमानी के धंधे में ही सबसे ज्यादा ईमानदारी है. करोड़ों की लूट की चंद घंटों में सनसनीखेज तरीके से अंजाम देने वाले बदमाशों ने इस उसूल को तोड़ दिया. बेईमानी की वजह से बदमाशों में फूट पड़ गई.
बदमाशों ने मुखबिर को उसका हिस्सा नहीं दिया. इस वजह से मुखबिर ने बार बार बदमाशों को फोन कर अपना हिस्सा देने को कहा. बदमाशों के बीच हुई बातचीत एसटीएफ के रेडार पर आ गई और करोड़ों की लूट खुल गई.
बदमाशों ने टॉप कैरेट ज्वैलरी शोरूम को लूटने के लिये शाहजहांपुर में कांठ के रहने वाले शंकर शर्मा का मुखबिरी के लिये इस्तेमाल किया. शंकर शर्मा बरेली में आटो चलाते हैं. सुभाषनगर में तिलक कालोनी के राजीव चौहान के मकान में किराये पर रहते हैं.
शंकर शर्मा ने तीस मई को बदमाशों के साथ ज्वैलरी शोरूम की रेकी की. इसके बाद एक और दो जून को शोरूम की रेकी की. बदमाशों ने शंकर से कहा कि जब वह लूट करेंगे तो उसे बता देंगे. चार जून को बदमाशों ने लूट की जानकारी शंकर को नहीं दी.
शंकर सुबह रेकी कर रामपुर के पटवाई में चला गया. पीछे बदमाशों ने शोरूम लूट लिया. लूट की जानकारी लगते ही शंकर ने बदमाशों को फोन किया. जिस पर बदमाशों ने कहा कि खामोश रहो. तुम्हें तुम्हारा हिस्सा मिल जायेगा. इसके बाद शंकर चुप हो गया, लेकिन बदमाशों ने उसे उसका हिस्सा नही दिया.
इस वजह से वह बदमाशों को लगातार काल करने लगा. इसी दौरान उसका नंबर एसटीएफ के रेडार पर आ गया. तीन दिन पहले एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया. शंकर का कहना है कि उसे लूट में एक अंगूठी तक नहीं मिली. वह मुफ्त में जेल जा रहा है.