वाहवाही लूटने के लिए योगी सरकार की पुलिस इन दिनों काफी चर्चा में है. पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर के आरोप भी लग रहे हैं. पुलिस के इन कारनामों से योगी सरकार की भी जमकर किरकिरी हो रही है. ताजा मामला बरेली का है.
जहां इज्जतनगर थाना पुलिस ने लूट और डकैती के आरोप में एक बेगुनाह को जेल भेज दिया. पिछले सात माह से ये निर्दोष जेल में बंद है. सात महीने से जेल में बंद होने के कारण निर्दोष व्यक्ति के परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. फीस न जमा होने के कारण उसके बच्चों की पढ़ाई भी छूट गई है.
दूसरे की जगह भेजा जेल
सुभाषनगर का रहने वाला मनोज कुमार हलवाई की दुकान पर काम करता था. मनोज की पत्नी शशि का कहना है कि उसके पति को सात महीने पहले इज़्ज़तनगर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया.
बाद में जांच में पता चला जिस मनोज कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा है वो बेगुनाह है, जबकि असली मनोज कश्यप खुलेआम घूम रहा है.
जब पुलिस ने मनोज को गिरफ्तार किया था. तब उस वक्त भी मनोज और उसका परिवार पुलिस को बताता रहा कि उसका कोई कसूर नहीं है. परिवार वाले पुलिस के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी.
निर्दोष मनोज को जेल भेज दिया गया. तब से लेकर आज तक मनोज की पत्नी अपने दो छोटे बच्चों के साथ पुलिस अफसरों के चक्कर लगा रही है. इंसाफ की मांग कर रही है.
खड़ा हो गया आर्थिक संकट
शशि का कहना है कि उसका पति हलवाई की दुकान पर काम करता था. उसे जो पगार मिलती थी. उससे उसका परिवार चलता था, लेकिन सात महीने से लूट और डकैती के मामले में जेल में बंद होने की वजह से उसके घर की आर्थिक स्थति बिगड़ गई है.
उसके बच्चे स्कूल जाते थे, लेकिन फीस जमा नहीं होने की वजह से उनका स्कूल से नाम काट दिया गया है. अब गरीब और लाचार शशि काफी परेशान है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं.
दोषियों पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में बरेली जोन के एडीजी प्रेम प्रकाश का कहना है कि मामला संज्ञान में आने के बाद सीओ सेकंड निति द्विवेदी ने जेल जाकर मनोज के साथ बंद अन्य आरोपियों से भी बात की गई है.
प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि मनोज निर्दोष है. उसे जेल से बाहर निकालने की प्रक्रिया होगी. इस मामले में निर्दोष को जेल भेजने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
एक ही जगह के हैं रहने वाले दोनों
जेल गया मनोज कुमार कश्यप और आरोपी मनोज कश्यप सुभाषनगर के जज साहब के अहाते के रहने वाले हैं. मनोज कुमार कश्यप का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, जबकि मनोज कश्यप अपराधी किस्म का है. पूर्व में भी पुलिस द्वारा पकड़ा जा चुका है.