सर्किट हाउस से कोहाड़ापीर तक साढ़े तीन किमी. लंबी सड़क पर शहर का मुख्य बाजार है. इन बाजारों में पूरे दिन जबरदस्त भीड़ भी रहती है, लेकिन बाजार आने वाले लोगों के वाहन खड़े करने के लिए नगर निगम की एकमात्र पार्किंग मोती पार्क में है.
बीते पांच वर्षो में इस सड़क पर तमाम शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी खुले, लेकिन इनके ओनर पार्किंग प्लेस को निगल गए, जिन्होंने बनाया भी है वह गोदाम बना लिए हैं.
लिहाजा, इनके वाहन भी सड़कों पर खड़े हो रहे हैं, जो ट्रैफिक जाम की बड़ी वजह बने हुए हैं, लेकिन बीडीए आंखों पर पट्टी बांधे हुए है.
इसके अलावा बाजार में कई ऐसे प्लेसेज हैं, जहां अस्थाई पार्किंग बनाई जा सकती है, लेकिन वहां ठेला रेहड़ी वालों का कब्जा है. कुल मिलाकर ट्रैफिक के सुचारू संचालन की किसी को फिक्र नहीं है.
सर्किट हाउस चौराहा
सर्किट हाउस चौराहा के आसपास करीब आधा दर्जन बैंक व हॉस्पिटल हैं. जिस वजह से यहां पर पूरे दिन काफी भीड़ रहती हैं. आईसीआईसीआई के अपोजिट बने आरकेआई बिल्डिंग में बेसमेंट नहीं बना हुआ है.
वहीं हॉस्पिटल और बैंक की ओर से भी कोई पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. लिहाजा, रोड पर व्हीकल्स खड़े होते हैं.
जिसकी वजह से यहां ट्रैफिक बाधित होता रहता है. जबकि, सर्किट हाउस होने से आए दिन माननीय आते हैं और ठहरते हैं. फिर भी यह हाल है.
बटलर प्लाजा
शहर के प्रमुख मार्केट में से एक है बटलर प्लाजा. यहां पर 400 से अधिक मोबाइल, लैपटॉप और साइबर कैफे हैं. जहां पर पूरे दिन हजारों लोग गैजेट्स खरीदने और नेट सर्फिंग करने आते हैं.
मार्केट के अंदर गाडि़यों को पार्क करने के लिए जगह बनी हुई है, लेकिन उस जगह को खोखे वालों को किराए पर दे दिया है.
लिहाजा, गाडि़यां अंदर पार्क न होकर रोड पर पार्क हो रही हैं. चौराहा होने से हर समय जाम लगा रहता है.
अशोका फोम
अशोका फोम ओनर ने बहुमंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाया है, लेकिन बेसमेंट में वाहनों की पार्किंग के लिए जगह नहीं छोड़ा, जिसके चलते शॉपिंग करने वाले कस्टमर्स और अशोका फोम स्टाफ के वाहन सड़क पर ही खड़े रहते है.
कई बार इन वाहनों की वजह से लंबा जाम लगता है. अशोका फोम ओनर ने पार्किंग प्लेस क्यों नहीं दिया यह सवाल पूछने का वक्त बीडीए के अफसरों को भी नहीं है.
अयूब खां चौराहा
चौकी चौराहा से होते हुए जब हम अयूब खां पर पहुंचे तो वहां भी ट्रैफिक जाम की स्थिति देखने को मिली.
लता आकेंड कॉप्लेक्स में बेसमेंट नहीं बना हैं. कॉप्लेक्स में आधार कार्ड सेंटर, शेयर मार्केट और ब्रांडेंड गारमेंट का शोरूम हैं.
यहां पर आने वाले लोग कॉप्लेक्स के सामने रोड पर ही वाहन खड़ा करते हैं. वहीं रोड पर चल रहे पेट्रोल पम्प की वजह से ट्रैफिक जाम बना रहता है. अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है.
यहां तक की ट्रैफिक पुलिस को समस्या से निपटने के लिए नगर निगम से चौपुला की ओर घुमाव के रास्ते चौराहे पर ही रस्सी बांधना पड़ा है.
नॉवेल्टी चौराहा
नॉवेल्टी स्थिति कॉप्लेक्स में गाडि़यों को पार्क करने के लिए बेसमेंट की व्यवस्था है. सिर्फ दो पहिया वाहनों को ही खड़ा करने की इंतजाम है.
जहां पर पार्किंग के बदले रुपए लिए जाते हैं. वहीं चार पहिया वाहन खड़ा करने की कोई व्यवस्था नहीं हैं.
जबकि, शहर का यह सबसे व्यस्ततम चौराहा माना जाता है. बगल में बस अड्डा होने से हरदम आने- जाने वालों का तांता लगा रहता है.
चंद कदम की दूरी पर ही पंजाबी मार्केट, गोल मार्केट, स्ट्रीट मार्केट है. जिसकी वजह से पूरे दिन भीड़ रहती है.
हालांकि, इन मार्केट में पार्किंग स्थल बना है, लेकिन उस पर फल और ठेले पर कपड़े बेचने वालों ने कब्जा जमा लिया है.
कुतुबखाना चौराहा
कुतुबखाना चौराहा की तो और बुरी स्थिति हैं. दुकानदारों ने रोड पर ही अपने बोर्ड रख रखे हैं. बाकी जगहों पर शॉपिंग करने वाले लोग अपनी बाइक और कारण खड़ी कर करते हैं.
रिक्शा वाले भी लाइन लगा खड़े रहते हैं. इधर से पार हो पाना काफी मुश्किल होता है. 1 मिनट की जगह 30 मिनट का समय चौराहा पार करने में लग जाता है.
कुतुबखाना चौराहा से कोहाड़ापीर की ओर बढ़ने पर कुछ ही दूरी पर जौहरी कॉप्लेक्स बना हुआ है.
बेसमेंट भी बना हुआ है, लेकिन उसका कोई उद्देश्य हल नहीं हो रहा है. क्योंकि, सामने से सीढ़ी बनी हुई है.
जिससे गाडि़यों का उतार पाना काफी मुश्किल हैं. पीछे से एक रास्ता बना हुआ है. मगर वहां पहुंचने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.
कोहाड़ापीर चौराहा
कोहाड़ापीर से पार हो पाना काफी मुश्किल हैं. यहां पर रोड पर ही लोग वाहन खड़ा करते हैं. पुलिस के संरक्षण में फल वालों का ठेला रोड के दोनों साइड लगा हुआ मिला.
चौराहे के पास ही सिटी सेंटर कॉप्लेक्स बना हुआ है. जिसमें बैंक के साथ ही अन्य दुकानें हैं. बेसमेंट में जाने का रास्ता काफी संकरा बना हुआ है.
जिस रास्ते चार पहिया पार्क करना काफी मुश्किल हैं. वहीं बाइक वाले बेसमेंट में जाने की बजाय रोड पर ही वाहन पार्क कर जाते हैं.
जिसके कारण हर वक्त ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है. उधर से गुजरने में लोगों को ठंड में भी पसीने छूटने लग जाते हैं.