नेकपुर चीनी मिल की करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जे हो गए हैं. लोगों ने मिल की बाउंड्रीवॉल तोड़कर यहां दुकानें और डेयरियां खोल ली है. यह हाल तब है जब योगी सरकार मायावती के शासनकाल में हुए मिल के सौदे की उच्चस्तरीय जांच करा रही है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मायावती सरकार में बेची गई यूपी की 21 चीनी मिलों की जांच शुरू कराई है. 33 एकड़ में बनी नेकपुर चीनी मिल 2010-11 में मात्र 14.11 करोड़ में नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी गई थी. मिल का बेहद कम कीमत पर सौदा किए जाने पर मजदूर संगठनों ने कई दिन तक आंदोलन किया.
मगर शासन और प्रशासन ने उनकी बात नहीं सुनी. इंडियन नेशनल शुगर मिल वर्कर फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मेहता ने बताया कि मिल खरीदने वाली कंपनी अब तक नेकपुर से करोड़ों रुपये की मशीनरी ले जा चुकी है. इसे कबाड़ दिखाया गया है.
मिल परिसर में मकान और मिल की बड़ी बिल्डिंग है और लाखों रुपये की लागत के पेड़ खड़े हैं. जिस जगह का सर्किल रेट 20 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर से अधिक है वहां 33 एकड़ जमीन कौड़ियों के भाव बेच दी गई.
अब जमीन पर तेजी से अवैध कब्जे हो रहे हैं जिस पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है. दूसरी मिल के तमाम मजदूर अब तक अपने बकाए को तरस रहे हैं.