मां ने अपने पांच बच्चों की परवरिश में जीवन लगा दिया. बच्चे कामयाब हुए. तीन बेटे और दो बेटियों की धूमधाम से शादी की. मगर तीनों बेटे एक विधवा मां को अपने घर में जगह न दे सके.
छह महीने पहले गाजियाबाद के तीनों बेटों ने अपनी बुजुर्ग विधवा मां को घर से निकाल दिया. बुजुर्ग को गाजियाबाद मजिस्ट्रेट के आदेश पर बरेली नारी निकेतन भेज दिया गया.
बुजुर्ग की शादीशुदा बेटी मां की तलाश करती हुई मंगलवार को नारी निकेतन पहुंच गई. मां को नारी निकेतन से रिलीज कराकर अपनी सुसराल अलीगढ़ ले गई.
गाजियाबाद से सटे गांव दुहाई कृष्णा देवी (57) के पति की मौत कई साल पहले हो गई थी. कृष्णा देवी ने अकेले ही पांच बच्चों को पढ़ाया-लिखाया. एक बेटे की नौकरी अच्छी नौकरी लग गई.
जबकि दो बेटों ने बिजनेस शुरू कर दिया. कृष्णा ने रिश्तेदारों की मदद से पांचों बच्चों की शादियां कर दीं. बुजुर्ग कृष्णा बीमार रहने लगीं. बेटों ने बीमार मां का इलाज कराने के बजाय उनको दुत्कारना शुरू कर दिया.
छह महीने पहले कृष्णा को घर से निकाल दिया. बेटे और बहुओं के मिले जख्मों से दुखी मां मौत को गले लगाना चाहती थी. पुलिस ने ऐसा करने से रोक लिया.
महिला हेल्पलाइन 181 पर सूचना दे दी. 181 की टीम ने मजिस्टे्रट के सामने महिला को पेश किया. मजिस्टे्रट ने बुजुर्ग को बरेली के नारी निकेतन भेज दिया. तब से बुजुर्ग नारी निकेतन में वक्त गुजर रही थी. बेटों ने अपनी बहनों को भी मां की कोई जानकारी नहीं दी.
हाल ही गाजियाबाद गई बेटी प्रीति को पड़ोसियों ने मां को प्रताड़ित करने के बारे में जानकारी दी. प्रीति अपनी मां की तलाश में लग गई. उसके पति अश्वनी ने भी साथ दिया. गाजियाबाद मजिस्ट्रेट के ऑर्डर निकलवाए गए. बुजुर्ग के बरेली में होने की जानकारी मिल गई.
फूट फूटकर रोई बेटी से मिलकर मां
मंगलवार को प्रीति अपने पति के साथ नारी निकेतन पहुंच गई. नारी निकेतन में मां और बेटी भावुक हो गईं. बेटी मां के गले लगाकर मां फूट फूटकर रोई. मां के आंसू तो रुक गए मगर बेटी की आंख नम ही रही.
दस्तावेज की पड़ताल के बाद कर दी विदा
नारी निकेतन में डीपीओ नीता अहिरवार, अधीक्षिका छाया बड़बल और साइको सोशल काउंसर प्रतिभा पांडेय ने बुजुर्ग के दस्तावेज की पड़ताल की. दस्तावेज का ऑनलाइन सत्यापन भी कराया. संतुष्ट होने के बाद बुजुर्ग कृष्णा बेटी प्रीति को सौंप दी गई.