डीजीसी साधना शर्मा के कातिलों को सजा दिलाने के लिए उनकी छोटी बहन गुरुवार को परिवार समेत एसएसपी ऑफिस में ही अनशन पर बैठ गई. काफी देर तक एसएसपी पीड़ित परिवार से मिलने नहीं आए तो लोग पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. कार्यालय में करीब एक घंटे तक हंगामा हुआ.
बदायूं की प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी क्राइम) साधना शर्मा की 23 मई 2016 को हत्या कर दी गई थी. साधना की बहन विपर्णा ने पीसी शर्मा, गिरीश मिश्र, मस्ताना, पिंटू , ईशरत, मोहब्बत, राजू, यासीन, श्रवण गुप्ता और कमलेश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. विपर्णा की शिकायत पर पुलिस ने क्राइम ब्रांच बरेली से जांच कराई.
इसके बाद आठ आरोपियों को जेल भेज दिया गया, जबकि श्रवण और कमलेश फरार हो गए थे. हैरत की बात यह है कि इस मुकदमे में दो साल में 10 विवेचक बदले जा चुके हैं. साधना के परिजनों का आरोप है कि क्राइम ब्रांच की सुस्त जांच के चलते अपराधी जेल से छूटकर बाहर आ गए हैं.
इसकी शिकायत पीड़िता ने डीजीपी सुलखान सिंह से की थी. उन्होंने क्राइम ब्रांच को टेक्निकल जांच के आदेश दिए, मगर पुलिस ने जांच शुरू नहीं की. इससे नाराज विपर्णा गुरुवार दोपहर मां व तमाम लोगों के साथ एसएसपी ऑफिस पहुंचीं और अनशन पर बैठ गईं. पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगने लगे तो एसएसपी मौके पर पहुंचे और बातचीत की. एसएसपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही उनके दिए बिन्दुओ पर जांच पूरी की जाएगी.
एसटीएफ की ली जाए मदद
विपर्णा का कहना है कि आरोपियों की कॉल डीटेल निकलवाने के लिए एसटीएफ की मदद ली जाए.बदायूं की डीजीसी साधना शर्मा के हत्यारोपियों को सजा दिलाने के लिए एसएसपी ऑफिस में उनकी बहन और मां ने अनशन किया.