आपको जानकर अचरज होगा कि बरेली जिले में भले ही हर घर, गली-मुहल्ले में पॉलीथीन मिल जाए, लेकिन यहां पॉलीथीन बनाने की कोई फैक्ट्री ही नहीं है. यह हम नहीं बल्कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय दफ्तर का कहना है.
कर्मचारी नगर निवासी और बरेली कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. प्रदीप जागर ने जिले में पॉलीथीन बनाने वाली फैक्ट्रियों के संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्थानीय कार्यालय से यह जानकारी 12 दिसंबर को मांगी थी. इसके बाद यह जवाब मिला है.
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या जिले में लाखों कुंतल की खेप बाहर से आ रही है या फिर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की बिना अनुमति के नाजायज तौर पर पॉलीथीन बनाने की फैक्ट्री चल रही हैं.
पीसीबी से यह मांगी थी जानकारी
बरेली जिले में पॉलीथीन थैलियों का निर्माण या उत्पादन कर रही ईकाइयों का नाम, पता, स्वामी के नाम समेत पूरी सूची. फैक्ट्रियां होने की स्थिति में इनके लिए जारी किए गए अनुमति पत्र.
इसके अलावा इन फैक्ट्रियों में कभी जांच या कार्रवाई की गई है या नहीं. अगर जांच हुई तो इसकी रिपोर्ट क्या आई है.
हालांकि पीसीबी ने जिले में पॉलीथीन बनाने की फैक्ट्री कार्यालय अभिलेखों में दर्ज होने से इंकार कर दिया.
लखनऊ जानकारी मांगने का है ऑप्शन
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से मिली जानकारी में फैक्ट्री नहीं होने की बात कही है.
इसके अलावा दी गई सूचना न होने की स्थिति में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जवाब मिलने के तीस दिन के अंदर जन सूचना अधिकार के विभागीय प्रथम अपीलीय अधिकारी से जानकारी मांगी जा सकती है.
ऐसे में सूचना पर गोमतीनगर, लखनऊ के विभूतिखंड स्थित ऑफिस में अपील की जा सकती है.