पुरानी जेल की निष्प्रयोज्य जमीन पर प्रस्तावित प्रोजेक्ट अब साकार होते नजर आ रहे हैं, क्योंकि सरकार ने सबसे पहले आईटी पार्क योजना पर मुहर लगा दी है.
इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में बजट भी आवंटित कर दिया है. इस जमीन पर कला संस्कृति, नाट्य केंद्र, डिग्री कॉलेज समेत एक ही भवन में कई सरकारी विभाग, उद्यान आदि प्रस्ताव अभी विचाराधीन हैं.
करीब सवा साल पहले पुरानी जिला जेल शिफ्ट होने से 70 एकड़ जमीन खाली हो गई है. नई सरकार बनते ही खाली पड़े 70 एकड़ एरिया में बरेली सेंट्रल प्रोजेक्ट तैयार किया गया. इस बीच कुछ अफसरों ने प्राइवेट बिल्डरों से भी डील करने की कोशिश थी.
जानकारी मिलने पर मुख्य सचिव ने प्रोजेक्ट समीक्षा के दौरान बीते वर्ष 12 जुलाई को तीखी नाराजगी जताई तो कथित अफसरों ने हाथ खींच लिए थे. इसके बाद जिला प्रशासन ने कवायद कराई और अमर उजाला ने भी सुझाव दिए.
खुद वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने कई बैठकें स्थानीय और शासन स्तर पर आयोजित कर इसमें धार लगवाई थी. केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने पिछले वर्ष सीएम योगी आदित्यनाथ से पत्राचार कर बरेली सेंट्रल प्रोजेक्ट में प्रस्तावित योजनाएं साकार कराने का आग्रह किया था.
वित्तमंत्री अग्रवाल ने फरवरी माह में प्रदेश बजट में बरेली में प्रस्तावित प्रोजेक्ट के लिए चालू वित्तीय वर्ष में धन आदि आवंटित कर दिया था. अपर मुख्य सचिव आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग संजीव सरन ने आईटी पार्क की मंजूरी का पत्र जारी किया है.
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार को लिखे पत्र में कहा गया है कि आईटी पार्क के लिए मांगी जमीन की कीमत का भुगतान सर्किल रेट पर किया जाएगा. इसका प्रावधान बजट में कर दिया गया है.
शहर को स्वच्छ वातावरण मिलने के साथ ही खाली जमीन पर कई जन उपयोगी प्रोजेक्ट आएंगे. प्रदेश सरकार विकास के लिए प्रयासरत है. बरेली सेंट्रल प्रोजेक्ट शहरवासियों के लिए एक उपहार है. – राजेश अग्रवाल, वित्तमंत्री
प्रदेश सरकार के एजेंडे में विकास कार्य प्राथमिकता में है. खाली जमीन पर कला संस्कृति, नाट्य केंद्र, डिग्री कालेज, एक ही भवन में कई सरकारी विभाग, उद्यान आदि प्रस्ताव भी विचाराधीन हैं. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. – संतोष गंगवार, केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)