जिला अस्पताल में स्टाफ के छुट्टी पर जाते ही मशीन की भी छुट्टी हो जाती है. यह हाल है जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड के एनआइसीयू का.
बड़ी सी बिल्डिंग के साथ ही जीवन रक्षक तमाम उपकरण मौजूद हैं लेकिन स्टाफ के अभाव में मरीजों को काफी हद तक परेशानी उठानी पड़ रही है.
यही नहीं कम स्टाफ के बीच लापरवाही का आलम भी सामने आया. बच्चा वार्ड के एनआइसीयू में वेंटीलेटर मशीन के रूम पर ताला लगा हुआ था. मशीन भी कपड़े से ढंकी हुई थी.
पूछने पर पता चला कि हेड नर्स छुट्टी पर चाभी अपने साथ ले जाती हैं. ऐसे में आपात स्थिति में किसी नवजात की जान कैसे बचाई जाएगी यह सोचने वाली बात है.
अस्पताल की ही जांच पर उठ चुका सवाल : जिला अस्पताल में कुछ दिन पहले ही एक वृद्ध ने मोतियाबिंद के गलत ऑपरेशन करने का आरोप लगाया था. ऑपरेशन के करीब दो महीने बीतने के बाद भी आंखों की रोशनी पहले से भी कम हो जाने के मामले की शिकायत हुई थी.
आरोप था कि ऑपरेशन के बाद रोशनी कम होने पर जिला अस्पताल में जांच कराई थी. इसे जिला अस्पताल के डॉक्टर ने ही नहीं माना था. बाद में निजी लैब से जांच करानी पड़ी थी. मामले में सीएमएस ने जांच कर इलाज करने को कहा था.