सरकारी कामकाज की रफ्तार से आमजन तो पहले से ही बावस्ता हैं, लेकिन उसी सरकार के महकमों को भी लोगों की तरह फरियाद करनी पड़ रही है. फरियाद है जमीन के लिए. जमीन न मिलने से आठ विभागों की योजनाएं और प्रोजेक्ट हवा में ही लटके हैं.
पीएसी से लेकर पुलिस और अस्पताल से लेकर न्यायालय तक. किसी को अपने दफ्तर के लिए जमीन चाहिए तो किसी को सरकारी योजना को जमीन पर उतारना है. वह भी नि:शुल्क प्रशासन ने ज्यादातर विभागों को सरकारी भूमि उपलब्ध होने से हाथ खड़े कर दिए.
इन प्रोजेक्ट को जमीन की दरकार
पीएसी महिला बटालियन : प्रदेश सरकार की घोषणा वाली तीन महिला बटालियन में से एक बरेली में स्थापित होनी हैं. पीएसी के आइजी ए. सतीश गणेश ने फरवरी में 75 से 100 एकड़ निश्शुल्क जमीन मांगी थी.
फतेहगंज पश्चिमी थाना : थाना अभी रबर फैक्ट्री की जमीन पर बने 40 साल पुराने भवन में चल रहा है. दिल्ली-बरेली रेल रूट और एनएच-24 पर स्थित थाने के स्थाई भवन के लिए एसएसपी ने डीएम से 1631 वर्गमीटर जमीन मांगी है.
मिनी औद्योगिक क्षेत्र : उद्योग विभाग ने ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र में लघु उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए योजना लांच की. सभी तहसील से कस्बा क्षेत्र में 10 व ग्रामीण क्षेत्र में पांच-पांच एकड़ जमीन मांगी है.
आयुष के 32 अस्पताल : आयुष विभाग के जिले में 26 होम्योपैथ, तीन यूनानी और तीन आयुर्वेदिक चिकित्सालय हैं. सभी पुराने और किराये के भवनों में हैं. विभाग ने अपने 32 अस्पतालों के लिए नगर क्षेत्र में 500 और ग्रामीण क्षेत्र में 1000 वर्गमीटर जमीन मांगी थी.
नवीन न्यायालय परिसर : कोर्ट परिसर घने क्षेत्र में स्थित है. पार्किंग की समस्या है. नई जजी के लिए न्यायालय ने पुराने जिला जेल में 50 एकड़ भूमि आरक्षित करने को पत्र भेजा था. मामला शासन में है.
नया औद्योगिक क्षेत्र : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात में विधायकों ने शहर के नजदीक नया इंडस्ट्रियल एरिया मांगा था. मुख्यमंत्री कार्यालय ने नगर निगम सीमा से बाहर लेकिन नगर से नजदीक औद्योगिक क्षेत्र के लिए उपयुक्त स्थान का प्रस्ताव भेजने को कहा था.
नारी शरणालय : शहर का नारी शरणालय प्रेमनगर में मानसिक मंदित महिलाओं के आश्रय स्थल के साथ एक ही परिसर में चल रहा है. प्रोबेशन विभाग ने अलग भवन या स्थान दिलाने को प्रस्ताव भेजा था.
क्षेत्रीय खाद्य कार्यालय : खाद्य एवं रसद आपूर्ति विभाग का क्षेत्रीय खाद्य कार्यालय रामपुर गार्डन के एक किराये के मकान में चल रहा है. विभाग ने सरकारी भवन या स्थान की मांग चार माह से अटकी है.
कई विभागों ने अपने कार्यालय और अन्य स्थापना के सरकारी भूमि की मांग की है. इन प्रस्तावों पर विचार किया गया है.
सदर क्षेत्र में नगर के आसपास सरकारी रिकॉर्ड में जमीनों की तलाश की जा रही है. उपलब्ध होते ही विभागों की मांग के अनुसार उन्हें भूमि दी जाएगी.
–रामसेवक द्विवेदी, एडीएम प्रशासन