सरकारों की खींचतान में अटकी रामगंगा बैराज परियोजना की अड़चन दूर हो गई है. योगी सरकार ने रामगंगा बैराज को 1570 करोड़ की रकम जारी करने का ऐलान किया है. 22 सौ करोड़ की परियोजना दिसंबर तक पूरी हो जाएगी. सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने नहरों की जमीन का प्रभावित किसानों को सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा देने की घोषणा कर दी.
बुधवार को सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने इंजीनियरों के साथ निर्माणाधीन रामगंगा बैराज परियोजना का निरीक्षण किया. बैराज की गुणवत्ता को परखा. निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से बैराज के संचालन के पूछताछ की. बैराज का 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है.
सिंचाई मंत्री ने बैराज परियोजना का रिवाइज बजट को स्वीकृति मिलने की जानकारी अधिकारियों को दी. उन्होंने बताया कि बैराज से 463 किमी लंबी नहरें निकालीं जाएंगी. बैराज से बरेली और बदायूं की 37453 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की जाएगी. नहरों के जरिए भूजल स्तर भी सुधरेगा. बैराज से बरेली की तहसील सदर और आंवला को पानी मिलेगा.
बदायूं की दातागंज और सदर तहसील के किसानों के खेतों की सिंचाई की जाएगी. मंत्री ने कहा कि बैराज की गुणवत्ता परखने के लिए आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों से जांच कराई जाएगी. मंत्री ने कहा कि बैराज बरेली के लिये एतिहासिक धरोहर होगी. यहां सांस्कृतिक, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बैराज पर घाटों का निर्माण कराया जायेगा.
तपती गर्मी को देखते हुए सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने डीएम और सीडीओ से 15 मई तक सभी तालाबों को पानी से लबालब कराने को कहा है. तालाबों को नहरों और नलकूप के जरिए भरा जाएगा. धर्मपाल सिंह ने सर्किट हाउस में डीएम, सीडीओ और एसएसपी के साथ मीटिंग की. बैराज से बरेली-बदायूं की 37453 हेक्टेयर जमीन की होगी सिंचाई ’ नहरों की जमीन का प्रभावित.
किसानों को मिलेगा चार गुना मुआवजा
रामगंगा बैराज को 2011 में स्वीकृत किया गया था. उस वक्त परियोजना की लागत 630 करोड़ थी. अब परियोजना की लागत 2208.22 करोड़ हो गई. नहरों की जमीन खरीद में सरकारी मशीनरी ने लेटलतीफी की थी.