बरेली कॉलेज में हुए स्वेटर घोटाले की जांच अब अपने अंतिम चरण पर है. जांच कर रहे अधिकारी जांच रिपोर्ट कॉलेज प्रशासन को कुछ ही दिनों में सौपने वाले हैं. बता दें कि साल 2017 में बरेली कॉलेज प्रशासन ने निर्धन स्टूडेंट्स के लिए 530 स्वेटर का वितरण किया था.
तत्कालीन प्राचार्य डॉ. सोमेश यादव और डीएसडब्लू डॉ. पीके अग्रवाल के कार्यकाल में स्वेटर वितरण किया गया था. आरोप है कि कॉलेज प्रशासन की तरफ से छात्रों के लिए खरीदे गए 530 स्वेटर में से 270 स्वेटर विभागों में बांटने के लिए भेज दिए गए, लेकिन बाकी स्वेटर का कोई विवरण ही नहीं है.
न ही इस बात का कोई लेखा जोखा कि किन छात्रों को स्वेटर दिया गया है. वहीं दूसरी ओर छात्र नेताओं का कहना है कि छात्रों तक स्वेटर पहुंचे ही नहीं. प्रशासन ने कागजों पर फर्जी तरीके से बजट बनाकर बिल पास करा लिया.
मामला मीडिया में आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी. तीन सदस्य टीम इस घोटाले की जांच कर रही है. सूत्रों की मानें तो कॉलेज प्रशासन ने कुछ ही छात्रों को स्वेटर देकर अपनी परम्परा पूरी कर ली.
जल्द ही दर्ज होंगे बयान
विभागीय सूत्रों की मानें तो स्वेटर घोटाले की जांच पूरी हो चुकी है. जल्द ही कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट कॉलेज प्रशासन को सौंप सकती है. प्रबंध कमेटी के सदस्य रहे डॉ. सुभाष मेहरा इस घोटाले की जांच कर रहे हैं. अब सिर्फ आरोपियों के बयान होने बाकी रह गए है.