बरेली कॉलेज में मात्र दस दिनों के वेतन को लेकर अस्थायी कर्मचारियों ने अनुशासन को ताकपर रख दिया. प्राचार्य का घेराव करते हुए उनकी कुर्सी पर थूक दिया. प्राचार्य से धक्कामुक्की और अभद्रता की गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को संभाला.
नाराज प्राचार्य ने लिखकर दे दिया कि तीन दिन में समस्या का समाधान नहीं होता है तो वे त्यागपत्र दे देंगे. त्यागपत्र की सुनते ही अस्थायी कर्मचारी धरना प्रदर्शन खत्म कर चले गए.
बरेली कॉलेज में नियुक्ति को लेकर हुए विवाद के बीच मैनेजमेंट ने भी कर्मचारियों की 11 महीने के वेतन पर बहाली कर दी थी.
जून का वेतन छोड़कर 11 महीने का वेतन दिया जाना था. कर्मचारियों ने 10 जुलाई तक स्ट्राइक की थी ऐसे में 10 जुलाई से 10 जून तक 11 महीने का वेतन देने का फैसला हुआ था.
इस आधार पर जुलाई में 10 दिन का वेतन काटकर बचे बीस दिन का वेतन और अगस्त के दस दिन का वेतन भी एडवांस दिया गया था. कर्मचारी एडवांस के बजाय जुलाई का पूरा वेतन मांग रहे थे.
इसको लेकर मंगलवार को कर्मचारी नेताओं ने प्राचार्य को घेर लिया. दोपहर बाद से ही कर्मचारी नेता जितेंद्र मिश्र के साथ अस्थायी कर्मचारियों ने हंगामा शुरू किया.
विवाद बढ़ा तो मौके पर पुलिस बुला ली गई. कर्मचरी पूरे जुलाई का वेतन मांग रहे थे. प्राचार्य का कहना था कि 10 जुलाई के बाद बीस दिन का वेतन और अगस्त में दस दिन का वेतन एडवांस दिया जा रहा है.
कुल तीस दिन का वेतन दिया गया है. कर्मचारी राजी नहीं हुए. इस दौरान विवाद बढ़ा तो हंगामा बढ़ने लगा तो प्राचार्य अंदर के कमरे में बैठ गए. बौखलाए एक अस्थायी कर्मचारी ने प्राचार्य की कुर्सी पर थूक दिया. प्राचार्य बाहर जाने लगे तो कर्मचारियों ने उनको गेट पर रोक लिया.
जबरदस्त धक्कामुक्की और अभद्रता की गई. हरीश मौर्या ने सभी गेट बंद करा दिए. अस्थायी कर्मचारियों ने जमकर गालीगलौज की. हालात तनावपूर्ण हो गए. पूरे मामले से भड़के प्राचार्य ने लिखकर दे दिया कि तीन दिन में समधान न होने पर वे इस्तीफा दे देंगे.
पुलिस के सामने कर्मचारी देते रहे गालियांपूरे घटनाक्रम में अस्थायी कर्मचारियों ने अनुशासहीनता की सीमा तोड़ दी. 30 दिन का वेतन मिलने के बाद भी जुलाई का पूरा वेतन देने पर अड़े कर्मचारियों ने पुलिस कर्मियों के साथ गालीगलौज की.
धक्का मुक्की करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. शिक्षकों ने एक धड़े ने तो यहां तक कह दिया कि यह वेतन के लिए नहीं प्राचार्य को हटाने के लिए बार-बार कॉलेज का माहौल खराब किया जा रहा है.