बरेली कॉलेज में इस सत्र से एमएड में दाखिला लेने वाले छात्रों को कम फीस देनी होगी. इस साल एमएड में काफी सीटें खाली रहने के बाद बरेली कॉलेज की वित्त समिति ने यह फैसला लिया है. अब एमएड की फीस 70 हजार के बजाय 55 हजार होगी.
वित्त समिति की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव अब मैनेजमेंट कमेटी में रखा जाएगा. इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इसमें अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग से करने और वरिष्ठता तय करने के शासनादेश की विधिक राय लेना शामिल है.
बरेली कॉलेज वित्त समिति की बैठक में सचिव देवमूर्ति की अध्यक्षता में सात प्रस्तावों पर चर्चा हुई. बैठक में तय किया गया कि अस्थायी शिक्षकों की सेवा 31 मार्च को खत्म हो जाएगी. इसके बाद नए सिरे से इंटरव्यू के जरिए नियुक्ति होगी.
यही नहीं अस्थायी कर्मचारियों के मानदेय का प्रकरण प्रबंध समिति में रखे जाने और अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के जरिए करने के प्रस्ताव पर भी वित्त समिति ने मुहर लगा दी. बताया जा रहा है कि करीब 40 ऐसे कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है जिनको आउटसोर्सिंग के जरिए रखा जाना है.
बैठक में काजी अलीमुद्दीन, प्राचार्य डॉ. अजय शर्मा, डॉ. अनुराग मोहन, डॉ. वंदना शर्मा और डॉ. एमके सिंह, डॉ. डीआर यादव, डॉ. आरिफ नदीम मौजूद थे.
बीबीए-बीसीए में होगा यूजी फोरम का गठन
बरेली कॉलेज के पीजी विभाग में चलने वाले पीजी फोरम की तरह अब बीबीए और बीसीए विभाग में यूजी फोरम का गठन होगा. इस प्रस्ताव पर वित्त समिति ने सहमति दे दी है. इसके अलावा प्राचार्य का वाहन भत्ता बढ़ाने के साथ बिल्डिंग कमेटी के प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई.
वरिष्ठता के शासनादेश पर ली जाएगी विधिक राय
शिक्षकों की वरिष्ठता को लेकर जारी शासनादेश को लागू करने से पहले बरेली कॉलेज इसपर विधिक राय लेगा. विधिक राय को प्रबंध समिति की बैठक में रखा जाएगा और इसके आधार पर इसे लागू कर दिया जाएगा.
एडहॉक शिक्षकों के विनियिमतीकरण के दौरान बरेली कॉलेज में उनकी एडहॉक सेवा को जोड़कर वरिष्ठता तय की गई थी. इसको लेकर जारी शासनादेश में इसे गलत बताया गया था.