शहर को स्मार्ट बनाने के लिए कसरत तेज हो गई है. स्मार्ट सिटी आखिर कैसे बनाई जाएगी, इसके लिए बुधवार को विदेशी शहरों के आईने के रूप में तस्वीर दिखाई गई.
दो कंपनियों का चयन होने के बाद उन्होंने कमिश्नर की अध्यक्षता में शहर के डेवलपमेंट कैसा करेंगे, इसका प्रजेंटेशन दिया है. दो कंपनियों ने तकनीकी बिड में स्मार्ट सिटी के बारे में जानकारी दी है.
सड़कें, परिवहन, पेयजल, विद्युत प्रबंधन, तकनीक के साथ सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और इसमें जनता की जिम्मेदारी को भी तय किया गया है.
बुधवार को कमिश्नर पीवी जगनमोहन की अध्यक्षता में हुई बैठक में तमाम बिंदुओं पर चर्चा की गई. स्मार्ट सिटी से जुड़े इन सभी मूलभूत पहलुओं को समझने के लिए दो कंपनियों ने प्रजेंटेशन दिया.
स्पेन के बर्सिलोना, इटली सहित अन्य विदेशी शहरों के स्मार्ट सिटी की तस्वीर दिखाई गई.इसके लिए वेबकोज व श्रेय कंपनियों को बुलाया गया, जो अभी कई देशों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं.
दोनों कंपनियों ने प्रजेंटेशन के जरिए स्मार्ट सिटी के लिए प्राथमिक जरूरतों की जानकारी दी. इसमें स्मार्ट पार्किंग, खराब या बंद रोड लाइट की ऑनलाइन ट्रेकिंग सिस्टम, सार्वजनिक परिवहन का जाल बिछाना, हर चौराहे पर पुलिसकर्मियों की बजाय सर्विलेंस कैमरा के जरिए नजर रखने सहित अन्य सुविधाएं शामिल हैं.
खासकर, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, जरी-जरदोजी, लकड़ी बैत, हैंडक्राफ्ट, उद्योगों की स्थापना, परिवहन, एनर्जी व तकनीक का एक ही नेटवर्क पर ब्लूप्रिंट तैयार करने की जरूरत बताई गई.
बैठक में नगरायुक्त आरके श्रीवास्तव, बीडीए सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह, चीफ इंजीनियर एसके अंबेडकर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
शहर को स्मार्ट बनाने के लिए प्लानिंग शुरू हो गई है. दो कंपनियों ने शहर के डेवलपमेंट को लेकर प्रजेंटेशन दिया है. शहर को कैसे डेवलप करना है इसकी रूपरेखा बना ली है.
–आरके श्रीवास्तव, नगरायुक्त