साई हॉस्पिटल के आईसीयू में आग लगने से दो महिला मरीजों की मौत के मामले में मजिस्टीरियल जांच के बाद प्रभारी डीएम ने हॉस्पिटल को सील करने का आदेश जारी कर दिया है.
थर्सडे को हॉस्पिटल को सील किया जाएगा. हॉस्पिटल मैनेजमेंट की ओर से जवाब मिलने के बाद रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल किया जाएगा. मजिस्टीरियल जांच में भी फायर सेफ्टी, विद्युत सेफ्टी व अन्य के तहत हॉस्पिटल में कई लापरवाही मिली हैं.
हॉस्पिटल की पूरी बिल्डिंग ही असुरक्षित पायी गई है. वेडनेसडे को एक बार फिर से सीएफओ ने पुलिस टीम के साथ हॉस्पिटल की पूरी बिल्डिंग का निरीक्षण किया तो फायर एक्सटिंग्यूसर के लेबल में छेड़छाड़ पायी गई है.
पुलिस ने चारों फायर एक्सटिंग्यूसर जब्त कर लिए हैं. वहीं सील होने से मरीजों को तीमारदारों की इच्छा के अनुसार दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाएगा.
वहीं सीएमओं ने भी शहर के सभी हॉस्पिटल ओनर को आईएमए के माध्यम से नोटिस भेजकर व्यवस्थाएं दुरूस्त करने की चेतावनी दी है.
फायर इंतजाम होते तो शायद न लगती आग
मजिस्टीरियल जांच में दिया गया कि जब उन्होंने निरीक्षण किया तो पाया कि आईसीयू के अंदर एक ऑयल हीटर और एक ब्लोअर आग लगने से जल चुके थे. आग इन दोनों उपकरण और शार्ट सर्किट से लगी होगी.
अंदर रखे फायर एक्सिटिंग्यूसर में एक पर डयू डेट मार्च 2017 लिखी थी, एक पर डयू डेट स्पष्ट नहीं थी और दो बार डयू डेट 30 जून 2018 लिखी थी. आईसीयू में लगे फायर एक्सटिंग्यूसर क्रियाशील नहीं थे. यदि फायर एक्सटिंग्यूसर वर्क करते तो शायद आग न लगती.
हॉस्पिटल के बेसमेंट में पैथोलोजी लैब चल रही है. डॉक्टर शरद अग्रवाल ने अग्निकांड के दौरान हॉस्पिटल में मौजूद न होने का बयान दिया है.
उन्होंने ब्लोअर से प्लास्टिक के पर्दो में आग लगने की बात कही है. फायर और विद्युत विभाग ने भी फायर सेफ्टी और विद्युत के इंतजाम न होने की रिपोर्ट दी है.
अग्निशमन और विद्युत विभाग समेत मजिस्टीरियल जांच में हॉस्पिटल को असुरक्षित पाए जाने की पुष्टि हुई है. जिसके बाद हॉस्पिटल को सील करने के आदेश दे दिए हैं.
साथ ही, रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने के बाबत हॉस्पिटल ओनर से जवाब- तलब किया है. 24 घंटे के भीतर संतोषजनक जवाब न देने पर रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल कर दिया जाएगा.
सत्येंद्र कुमार, प्रभारी डीएम व सीडीओ