जिला अस्पताल का चिल्ड्रेन वार्ड, दोपहर के 1:15 बज रहे थे. बेड नंबर 16 पर गैनी से आई 4 साल की अनीता का इलाज चल रहा था. वह सो रही थी, उसकी मां बाहर नल से पानी लेने चली गई. करीब 10 मिनट बाद वह वापस आई तो देखा कि बेड खाली था और बेटी कहीं नहीं थी.
उसकी हाथ से पानी की बोतल छूट गई और वह बदहवास सी इधर-उधर भागने लगी, पूरे वार्ड में बेटी का नाम लेकर पुकारने लगी. अनीता का पता नहीं चला, मां डल्लो देवी रोने-बिलखने लगी. पूरे वार्ड में हड़कंप मच गया. वार्ड से बच्ची चोरी का पता चलते ही लोग जुट गए और अनीता की तलाश शुरू हो गई.
चौकी से दरोगा-सिपाही आ गए, पूरा स्टाफ वहां जुट गया. करीब 10 मिनट बाद बच्ची बरामद हो गई और तब खुलासा हुआ कि उसे स्टाफ की नर्स ने ही छिपा दिया था. अनीता को देखते ही डल्लो ने उसे गले लगा दिया.
तब पता चला, बच्ची चोरी नहीं हुई थी बल्कि लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने एक माक ड्रिल की थी. वहां आने वाले लोगों को बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए.
ऐसे हुआ माक ड्रिल
सीएमएस डा. केएस गुप्ता और अस्पताल मैनेजर पूजा चौहान ने सोमवार को माक ड्रिल करने की योजना तैयार की. माक ड्रिल से ठीक 10 मिनट पहले स्टाफ को बताया गया.
जैसे ही डल्लो ने लापरवाही दिखाई और बच्ची को छोड़कर चली गई, नर्स बच्ची को लेकर दूसरे कमरे में चली गई. बच्ची को टाफी देकर बहला दिया गया कि रोना नहीं है.
बताए सतकर्ता के टिप्स
– बच्चों को माता-पिता का नाम, घर का पता और मोबाइल नंबर याद कराएं
– उनको अजनबी लोगों के साथ कहीं न जाने की सीख दें
– टाफी, चाकलेट के लालच में किसी को जाने में खतरा है, यह बच्चों को सिखाएं
– छोटे बच्चों को कभी अकेला न छोड़े, जरूरी हो तो स्टाफ को बोलकर जाएं
– बच्चों के कपड़े में घर का पता, मोबाइल नंबर लिखी पर्ची जरूर रखें