जहां एक ओर रेलवे में स्टेशन मास्टरों की कमी को लेकर हल्ला मचा हुआ है. कर्मचारी डबल डयूटी का आरोप लगाते हैं.
वहीं इज्जतनगर मंडल आफिस में एक ऐसा कर्मचारी तैनात है, जो स्टेशन मास्टर बनने के बाद कभी स्टेशन पर डयूटी नहीं करने गया.
उसने ऑपरेटिंग विभाग के एक अफसर के आफिस में तैनाती पा ली. जब ट्रांसफर पोस्टिंग में इज्जतनगर भाव वाला ऑडियो वायरल हुआ तो स्टेशन मास्टर की चर्चा हुई.
ऑडियो वायरल होने के मामले में जो टीआई वीके सिंह सस्पेंड हुए हैं. उन्हीं के रिश्तेदार स्टेशन मास्टर जितेंद्र बताए जाते हैं.
डीओएम आफिस में टीआई ने अफसर से सांठगांठ करके अपने रिश्तेदार स्टेशन मास्टर को अटैच करा दिया. जब ऑडियो प्रकरण शुरु हुआ तो विरोधी पक्ष ने स्टेशन मास्टर जितेंद्र कुमार की भी शिकायत अफसरों से कर दी.
धीरे-धीरे मामला डीआरएम तक पहुंच गया. अब तो इस मामले में खलबली मची हुई. स्टेशन और गेट पर काम करने वाले मंडल आफिस में कैसे अटैच किए गए हैं, ऐसे कर्मचारियों की जांच को आदेश कर दिए गए हैं.
खासकर स्टेशन मास्टर आफिसों में काम क्यों कर रहे हैं. उनका काम स्टेशन पर गाड़ियों के संचालन का है.
डीआरएम ने ऑपरेटिंग विभाग के अफसरों की मीटिंग करके निर्देश हैं, जिस कर्मचारी की जिस पद पर पोस्टिंग है उससे वही काम कराया जाए.