मंगलवार को बरेली कॉलेज में एलएलबी द्वितीय सेमेस्टर के दलित छात्र द्वारा क्लास की ही सवर्ण वर्ग की छात्रा को थप्पड़ मारने का मामला भी तूल पकड़े रहा. कॉलेज प्रशासन अलर्र्ट रहा तो दूसरी तरफ आरोपी छात्र ने जमानत लेने से ही इंकार कर दिया.
वह इस अपनी बात पर अड़ा रहा कि उसे जमानत नहीं चाहिए, उसे जेल भेज दो. मंगलवार को उसके घर वाले जमानत कराने के प्रयास में रहे, लेकिन वह तैयार नहीं हुआ. वहीं कॉलेज प्रशासन ने परिजनों को नोटिस जारी कर तलब किया है. कॉलेज प्रशासन अब मामले की जांच भी कराएगा कि आखिर ऐसे हालात क्यों पैदा हुए.
एलएलबी द्वितीय सेमेस्टर का यह छात्र अच्छे परिवार का है. पिता पीलीभीत में ग्राम पंचायत अधिकारी हैं. एलएलबी से पहले वह वह बीटेक का छात्र भी रह चुका है. मंगलवार को घर वालों ने उसकी जमानत कराने के प्रयास भी किए, लेकिन छात्र अपनी जिद पर अड़ा रहा. उसका मानना है कि उसने कुछ गलत नहीं किया.
बता दें कि कक्षा में शिक्षकों के सामने ही एलएलबी के एक दलित छात्र ने सवर्ण वर्ग की एक छात्रा को आरक्षण के मुद्दे पर बहस होने के बाद थप्पड़ जड़ दिया था. उसके बाद कॉलेज का माहौल गरमाया.
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा भी किया था. कॉलेज प्रशासन ने छात्र को पुलिस के हवाले कर दिया था. पुलिस ने चालान कर सोमवार को ही उसे जेल भेज दिया था. मंगलवार को उसकी जमानत के प्रयास हुए, लेकिन छात्र ने जमानत लेने से ही मना कर दिया और कह दिया कि वह जेल ही जाएगा.
पांच सदस्यीय जांच समिति बनाई
कॉलेज प्रशासन की तरफ से छात्र के घर वालों को नोटिस जारी गया गया है. कॉलेज छात्र को निलंबित करने की भी तैयारी में है. उससे पहले मामले की जांच कराई जाएगी. मंगलवार को इसके लिए पांच सदस्यीय जांच समिति बनाई गई.
इसमें डॉ. पूर्णिमा अनिल, डॉ. वंदना शर्मा, डॉ. नसीम अख्तर, डॉ. एसपी मौर्या, डॉ. राकेश आजाद को शामिल किया गया है. कमेटी दस दिन में अपनी रिपोर्ट देगी. वहीं जिस शिक्षक के पोस्ट पर इतना बवाल हुआ उसको व्यक्तिगत तौर पर पत्र जारी कर जवाब तलब किया गया है.
छात्रसंगठन ने जताया रोष, कहा वह लेंगे छात्र की जमानत
मामले में दलित छात्र के सपोर्ट में समाजवादी छात्र सभा के छात्रनेता आ गए हैं. विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह ने कहा कि अगर छात्र की कोई जमानत नहीं लेता तो वह जमानत लेंगे.
कॉलेज में दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों का शोषण किया जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं बरेली कॉलेज के पूर्व महामंत्री ह्रदेश यादव ने कहा कि छात्र के साथ कॉलेज एक तरफा कार्रवाई कर रहा है. आखिर ऐेसे हालात क्यों पैदा हुए इसकी जांच होनी चाहिए. मामले को लेकर कॉलेज प्रशासन को घेराव किया जाएगा.
व्हाट्सऐप ग्रुप पर कॉलेज प्रशासन रख रहा नजर
आरक्षण की चिंगारी एक शिक्षक द्वारा व्हाट्सऐप ग्रुप पर एक पोस्ट से फूटी. अब कॉलेज प्रशासन ऐसे ग्रुप पर नजर रखे हुए हैं जिनमें कॉलेज के छात्र एक्टिव हैं.
उनकी अंदरखाने जानकारी जुटाई जा रही है. सूत्रों की माने तो ज्यादातर विभागों के सोशल मीडिया ग्रुप बने हुए हैं. देखा जा रहा है कि उनपर भी इस तरह के कमेंट तो नहीं हो रहे है.