एचआईवी संक्रमित संवासिनी को लेकर नारी निकेतन प्रशासन दहशत में है. मानसिक तौर अनफिट संवासिनी से नारी निकेतन के दूसरी संवासिनियों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है.
नारी निकेतन अधीक्षिका ने प्रशासनिक अफसरों को पूरा मामला बता दिया है. मगर अभी तक संवासिनी की शिफ्टिंग पर कोई फैसला नहीं हुआ है.
एक महीने पहले बरेली में एक लावारिश महिला (35) को सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था. सिटी मजिस्ट्रेट ने महिला को ममता आश्रम भेजा था. मगर मेडिकल परीक्षण में एचआईवी की पुष्टि होने के बाद ममता आश्रम के स्टाफ ने महिलाओं को लेने से इंकार दिया.
ममता आश्रम में 45 मानसिक मंदित संवासिनियों में एचआईवी फैलने का खतरा बताते हुए किसी दूसरी संस्था में भेजने को कहा. सिटी मजिस्टे्रट ने एचआईवी पीड़ित महिलाओं को नारी निकेतन भेजने के आदेश कर दिए.
एचआईवी संक्रमित महिला को शुरूआत में नारी निकेतन प्रशासन ने इंकार किया. मगर नारी निकेतन प्रशासन की एक नहीं सुनी गई.
एचआईवी संक्रमित महिला नारी निकेतन में रहने वाली 149 मानसिक मंदित संवासिनियों के लिए खतरा बनी गई है. मानसिक मंदित एचआईवी पीड़ित संवासिनी को आपस में लड़ने झड़ने से बचाने के लिए हर वक्त स्टाफ को चौकसी बरतनी पड़ी रही है.
मेडिकल ऑफिसर से एचआईवी संक्रमित संवासिनी को लेकर बात की गई थी. मेडिकल ऑफिसर ने इनके जरिए दूसरी संवासिनियों में इंफेक्शन होने की आशंका से इंकार किया है. फिलहाल महिला का इलाज चल रहा है. पूरा मामला प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में है.
– नीता अहिरवार, डिप्टी सीपीओ