कुर्मांचल नगर का मकान नंबर 264 बृहस्पतिवार को दिल दहला देने वाली ऐसी घटना का गवाह बना जिससे पूरी कॉलोनी के लोग हिल गए. आग लगाकर जान देने वाली आठवीं की छात्रा वंशिका के छोटे भाई धैर्य के जरिये हकीकत सामने आने के बाद लोगों के बीच बच्चों की जान लेने वीडियो गेम की सर्वाधिक चर्चा रही.
पुलिस भी तफ्तीश में जुटी रही कि तमाम लोगों की जान लेने के बाद पूरी दुनिया में चर्चित हुआ यह ब्लू व्हेल गेम है या उससे मिलता-जुलता कोई और खेल जिसने बच्ची को ऐसे अवसाद में धकेला कि उसने खुद को आग लगाकर जान दे दी. हालांकि मौत के इस खेल को समझने में पैरेंट्स और पुलिस दोनों ही फेल रहे.
पिछले दिनों ब्लू व्हेल गेम के चक्कर में पड़कर कई लोगों के जान गंवाने के मामले सामने आने के बाद अब कुर्मांचलनगर में एयरफोर्स के सार्जेंट की बेटी की खुदकुशी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
हालांकि इस घटना के बाद यह सभी मान रहे हैं कि माता-पिता के नौकरीपेशा होने के चलते बच्चों की मॉनिटरिंग नहीं हो पाती कि वह क्या कर रहे हैं. नासमझ उम्र में मोबाइल हाथ में आना उनके लिए और खतरनाक साबित हो रहा है.
किताबें जलाने के मांग रही थी मिट्टी का तेल
वंशिका के आग लगाकर जान देने के बाद मौके पर छानबीन करने पहुंची महिला दरोगा दीपा चौधरी के मुताबिक वंशिका के छोटे भाई धैर्य ने पूछताछ के दौरान उन्हें यह भी बताया कि बीती 13 और 14 मार्च को वंशिका मिट्टी का तेल ढूंढ रही थी.
जब उसने पूछा कि क्या करोगी तो उसने अपनी कुछ किताबों का जिक्र करते हुए उसे बताया कि ये किताबें उसको परेशान कर रही है, वह उन्हें जलाना चाहती है. हालांकि उस दिन ऐसा हो नहीं पाया था.
मंदिर से उठाई थी माचिस
बृहस्पतिवार को भी मोबाइल पर गाने बजाकर नाचती हुई वंशिका अचानक ठिठक गई थी. उसने धैर्य से माचिस मांगी थी, लेकिन पूरे घर में माचिस नहीं मिली. फिर आखिर में उसने मंदिर से माचिस को उठाया था और ऊपर चली गई, जिसके बाद खुदकुशी कर ली.
बिहार से आकर यहां बस गया परिवार
पड़ोसियों ने बताया कि रवि कुमार मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर के कुलहनी थानाक्षेत्र के रहने वाले है. उनके दो भाई मनोज और विनोद राजेंद्रनगर में रहते हैं.
मनोज बहेड़ी स्थित शुगर मिल में काम करते हैं जबकि विनोद ब्रेड बेचने का काम करते हैं. वंशिका की दादी सरोज भी राजेंद्रनगर में ही रहती हैं. रवि कुमार भी पहले आर्मी में थे, लेकिन बाद में उन्होंन एयरफोर्स ज्वाइन कर ली थी.
कुछ पड़ोसियों को शक, हत्या तो नहीं की गई
कुर्मांचल नगर में यह परिवार सालों से रहता आ रहा है. कॉलोनी के लोग भी इस हादसे से स्तब्ध थे. कुछ पड़ोसियों ने इस बाबत भी शक जाहिर किया कि मकान के पीछे कुछ अराजक तत्वों की बस्ती है.
कहीं ऐसा तो नहीं कि मकान की नीची बाउंड्री वाल का फांदकर कोई दाखिल हो गया हो और ये वारदात खुदकुशी न होकर हत्या हो. हालांकि पुलिस को ऐसे साक्ष्य नहीं मिले हैं.
पढ़ने में तेज थी वंशिका
सेंट फ्रांसिस स्कूल की प्रिंसिपल एल्सा ग्रेस के अनुसार वंशिका पढ़ने में तेज थी. परीक्षा में हमेशा उसके अच्छे अंक आते थे. क्लास में भी उसका व्यवहार अच्छा था. उन्होंने बताया कि वंशिका पढ़ने में अच्छी थी इसीलिए वह उसे ठीक से जानती थीं. उसके आत्महत्या करने बारे में पता चला तो उन्हें बहुत दुख हुआ.
यकीन नहीं हो रहा कि उसके साथ ऐसा हो गया. उन्होंने उसके घर वालों से भी बात की. उसके साथ कभी कोई प्रॉब्लम नहीं दिखी. कभी स्कूल भी मिस नहीं करती थी. हर एक्टिविटी में वह आगे रहती थी. दो दिन बाद उसका रिजल्ट भी आने वाला था.