रविवार को संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा बरेली के 37 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई. आईएएस, आईपीएस बनने का सपना देख रहे 58 फीसदी अभ्यर्थी परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे. सिर्फ 42 फीसदी ही परीक्षा में शामिल हुए.
बरेली में कुल 17,815 अभ्यर्थियों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था. पहली पाली सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक हुई. अभ्यर्थियों को 9:20 तक ही प्रवेश मिलना था.
इसके बाद परीक्षा केंद्रों के गेट बंद कर दिए गए. देरी से पहुंचे कई अभ्यर्थियों को काफी मान-मनौव्वल के बाद भी परीक्षा केंद्र पर प्रवेश नहीं मिला. हर परीक्षा केंद्र पर तीन-तीन जैमर लगाए गए थे. 58 फीसदी अभ्यार्थियों के परीक्षा छोड़ देने के कारण बरेली कॉलेज में कई कमरे ऐसे थे जिनमें महज 2-3 आवेदक ही परीक्षा दे रहे थे.
तलाशी को नहीं पहुंचा महिला स्टाफ शुक्रवार को हुई बैठक में सभी परीक्षा केंद्रों पर महिला सिपाहियों के मौजूद रहने की बात कही गई थी मगर रविवार सुबह बरेली कॉलेज केंद्र पर लड़कियों की जांच करने के लिए कोई भी महिला सिपाही या फ्लाइंग स्क्वाड का महिला सदस्य मौजूद नहीं था.
इसे लेकर थोड़ी देर के लिए व्यवधान भी पड़ा. पहली पाली में सीडीओ भी निरीक्षण करने पहुंचे. किसी के लिए पेपर आसान तो किसी के लिए टफ परीक्षा देकर निकले अभ्यार्थियों में से किसी ने पेपर को आसान बताया तो किसी ने कठिन.
पहली पाली में अधिकांश अभ्यार्थी पेपर से खुश नजर आए. उनको उस दौरान ही दूसरी पाली के पेपर की चिंता हो रही थी. दूसरी पाली में तमाम अभ्यर्थियों ने पेपर के कठिन आने की बात कही.
प्रवेश नहीं मिलने पर रो पड़ी चेन्नई की छात्रा बदायूं की अभ्यार्थी जो मूलत: चेन्नई की रहने वाली है वह इस्लामिया इंटर कॉलेज के गलत गेट पर पहुंच गई. जब तक सही गेट पर पहुंची एंट्री का समय निकल जाने से गेट बंद हो गया.
इसको लेकर उसने काफी हंगामा काटा. वह गेट पर रोने भी लग गई लेकिन तब भी उसे एंट्री नहीं मिली. इसी तरह से फर्रुखाबाद की रहने वाली अंजली और शोभा की भी परीक्षा छूट गई.