रेलवे में भी अब भगवाकरण शुरू हो गया है. ट्रेनों कोच अब गहरे ब्ल्यू नहीं बल्कि भगवा रंग में नजर आएंगी. रेलवे बोर्ड ने सभी रेल कारखानों में ब्ल्यू पेंट खरीद पर रोक लगा दी है. क्रीम और केसरिया रंगे खरीदे जाएंगे.
रेल मंत्रालय ने पहले चरण में 30 हजार कोचों के रंग बदलने के निर्देश दिए हैं. ट्रायल के रूप में चेन्नई रेल कोच फैक्ट्री में काम कराया गया. इसके बाद सभी रेल कोच कारखानों के प्रोडक्शन मैनेजरों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी डिब्बे में पेंट होगा तो पुराना पेंट प्रयोग नहीं किया जाए, बल्कि केसरिया रंग में कोचों को डिजाइन किया जाएगा.
एक रेल अधिकारी ने बताया कि इज्जतनगर रेल कारखाना में मुख्यालय से आदेश आ गया है. ब्ल्यू पेंट की खरीदपर रोक लगा दी गई है. अब डिब्बों के पेंट का रंग बदला जाएगा. इज्जतनगर कारखाना में हर महीने 50 कोचों का मेंटीनेंस किया जाता है. मेल और एक्सप्रेस गाड़ियों के जो भी कोच आएंगे उनका रंग मुख्यालय से आदेश मिलने पर बदला जाएगा.
ट्रायल के बाद रेलमंत्री ने लगाई मोहर
रेलवे बोर्ड की विशेष कमेटी के निर्णय पर 16 कोचों को आधुनिकीरण किया गया, जिनको दिल्ली-पठानकोठ एक्सप्रेस में लगाया गया. पेंटरों ने पुराने कोचों को ही नया लुक देकर केसरिया रंग कर दिया है.
मॉडर्न कोच बनेंगे
रेलवे ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंड इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन से कोचों का पेंट डिजाइन कराया है. भगवाकरण के साथ कोचों को मॉडर्न बनाया जाएगा. कोच में सीट, टायलेट, लाइट आदि सुविधाओं में बदलाव भी किया जाएगा. बाहर और अंदर से कोच लग्जरी बस की तरह दिखेंगे. हर बर्थ पर मोबाइल चार्ज और स्मार्ट लाइटिंग की व्यवस्था होगी.
रेलवे में हो रहा आधुनिकीकरण
पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए कोचों का आधुनिकीकरण हो रहा है. रंग के साथ-साथ कोचों के अंदर सीट, लाइट, टॉयलेट जैसी तमाम सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा.