मंडल के दस राजकीय इंटर कॉलेज में अद्यतन शैक्षिक सत्र से ही अंग्रेजी माध्यम की कक्षाओं का संचालन शुरू हो जाएगा. सीबीएसई बोर्ड से संचालित निजी स्कूल भी मनचाही फीस नहीं ले पाएंगे. इसके लिए शासन ने कड़े कदम उठाएं है. फीस रेगुलेशन एक्ट से अभिभावकों का शोषण रोका जाएगा.
राजकीय इंटर कॉलेज में बेसिक शिक्षा परिषद के काउंसिलिंग में आए माध्यमिक शिक्षा परिषद के मंडलीय उप निदेशक शिव प्रकाश द्विवेदी ने जागरण से बातचीत में यह जानकारी दी. बताया कि प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित होगी.
डीआइओएस इस कमेटी के सदस्य सचिव तथा बीएसए सदस्य होंगे. संयुक्त निदेशक की ओर से आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से प्राथमिक स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में अपग्रेड किया जा रहा है. माध्यमिक स्तर पर प्रत्येक जिले के मुख्यालयों के राजकीय इंटर कॉलेज इंग्लिश मीडियम कक्षा संचालन को चुने गए हैं.
प्रथम चरण में मंडल से दस जीआइसी को इंग्लिश मीडियम बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य, एक विषय एक पेपर पर भी अमल होगा.श्री द्विवेदी ने बताया कि माध्यमिक स्तर पर अब सभी कक्षाओं में एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य कर दी गई हैं. सीबीएसई की तरह यूपी बोर्ड में भी अब एक विषय का एक ही पेपर होगा.
निरीक्षण में देखी जाएगी सीसीटीवी की रिकॉर्डिग
उन्होंने बताया कि सीसीटीवी की उपयोगिता को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया जाएगा. कहा कि नकलविहीन परीक्षा में क्लोज सर्किट कारगर साबित हुए. अब स्कूल के सभी बड़े कार्यक्रम होम एक्जाम में सीसीटीवी काम करेंगे. निरीक्षण में रिकार्डिंग को चेक किया जाएगा.