पार्षदों को मोबाइल फोन बांटने को लेकर नगर निगम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. सरकारी खर्च पर पार्षदों को सिम और मोबाइल फोन बांटे गए. स्टांप चोरी और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का विवाद अभी थमा नहीं कि नया मामला तूल पकड़ गया है. विपक्षी नेताओं ने अब नगर निगम के इस फैसले पर विधिक राय लेकर शासन में शिकायत का मन बना लिया है.
गुरुवार को मेयर कैंप कार्यालय पर 80 पार्षदों को दिवाली का तोहफा दिया गया. इनमें से कुछ पार्षदों ने मोबाइल फोन लेने से इनकार कर दिया. मोबाइल फोन न लेने वाले पार्षदों ने कहा कि शहर के विकास के कामों पर तो ध्यान नहीं दिया जा रहा है. फोन बांटकर मेयर और नगरायुक्त क्या दिखाना चाहते हैं.
पार्षदों ने कहा कि यह मामला इस बार बोर्ड की बैठक में उठाया जाएगा. उधर, सामाजिक संगठन और विपक्षी नेताओं ने नगर निगम के इस फैसले पर विधिक राय लेकर शासन में शिकायत करने की तैयारी कर ली है. नगर निगम के अधिकारी इस मामले में अभी कुछ बोल नहीं रहे हैं.
वार्डों को स्वच्छ बनाने को तैयार रहें पार्षद: मेयर
स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले नगर निगम अब वार्डों के बीच मुकाबला कराने जा रहा है. शुक्रवार को संजय कम्प्यूनिटी हॉल में कार्यशाला का आयोजन हुआ. इसमें मेयर और नगरायुक्त ने तमाम पार्षदों को स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा के बारे में बताया है. मेयर ने कहा कि कार्यशाला में पार्षद,व्यापार और तमाम संगठनों ने भाग लिया. कार्यशाला में स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी भी दी.
मेयर ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर तमाम वार्ड के पार्षद अपनी जिम्मेदारी तय कर लें. वार्ड को साफ सुथरा बनाने के लिए नगर निगम का सहयोग करना है. नगरायुक्त आरके श्रीवास्तव ने बताया कि 11 नवंबर को कोहाड़ापीर से स्वच्छता की रैली निकाली जाएगी. जिसमें तमाम स्कूल, सामाजिक संगठन, एनजीओ के लोग सहयोग करेंगे.