मेडिकल और उद्योग के क्षेत्र में नई पहचान बना रही अपनी बरेली प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट भारतमाला से जुड़ने जा रही है. बरेली-आगरा के बाद बरेली से सितारगंज रोड को भारतमाला परियोजना मेंशामिल किया गया है.
बरेली से सितारगंज तक एनएच-74 को फोरलेन किया जाएगा. बरेली से पीलीभीत तक जमीन अधिग्रहण का खाका तैयार किया जा रहा है. पीलीभीत तक भारतमाला कॉरिडोर के लिए बरेली प्रशासन जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को अंजाम देगा. बरेली के 22 गांवों की जमीन भारतमाला परियोजना में आ गई है.
एनएच-74 बरेली से पीलीभीत और सितारगंज होता हुआ हरिद्वार तक जाता है. केंद्र सरकार ने एनएच-74 को भारतमाला परियोजना में शामिल किया है. परियोजना का एलॉयमेंट फाइनल करने के बाद एनएचएआई को एनएच-74 को फोरलेन करने की जिम्मेदारी दी गई है.
बरेली से सितारगंज तक रोड को फोरलेन एनएचएआई का बरेली डिवीजन करेगा. एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने भारतमाला परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सक्षम प्राधिकारी नामित करने को कहा है.
सक्षम प्राधिकारी का नाम एनएचएआई के जरिए केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेजा जाएगा. डीएम ने एसएलएओ को भूमि अधिग्रहण कराने के लिए एसएलएओ को सक्षम प्राधिकारी बनाने का फैसला किया है. बरेली से पीलीभीत तक 22 गांव की जमीन भारतमाला परियोजना के लिए खरीदी जाएगी.
बरेली-सितारगंज रोड का हो रहा चौड़ीकरण
एनएचएआई 2013 से बरेली से सितारगंज तक रोड चौड़ीकरण का काम कर रहा है. रोड टू लेन बनाई जा रही है. 76 किमी की रोड पर 280 करोड़ की रकम खर्च की जा रही है. परियोजना का करीब 85 फीसदी काम पूरा हो गया है.
इन गांवों की जमीन भारतमाला परियोजना में आई
बरेली सदर- आसपुर खूबचंद, नौगवां जागीर, रिठौरा
नवाबगंज- लभेड़ा उर्फ बुलंदनगर, गोपालपुर, रम्पुरा काजीयान, धर्मपुर, परेवा कुरमयान, खतौला, नवदिया रघुनाथ, लाड़पुर उस्मान, फैजुल्लापुर, ग्रैम, याकूबपुर, नवाबगंज, बिजौरी, डंडिया विरम नगला, गरगईया, खामपुर उर्फ गंगापुर, धौरेरा, इनायतपुर, लमखेड़ा बदरीप्रसाद.
बरेली से सीधा जुड़ जाएगा हरिद्वार
भारतमाला परियोजना के तहत एनएच-74 को फोरलेन किया जा रहा है. 333 किमी का प्रोजेक्ट बरेली से नवाबगंज, पीलीभीत, अमरिया, सितारगंज, किच्छा, रुद्रपुर, काशीपुर, जसपुर, नगीना और नजीबाबाद होता हुआ हरिद्वार पहुंचेगा.
हरिद्वार में एनएच-74 और एनएच-58 एक-दूसरे को क्रास करेंगे. एनएच-58 पहले से ही भारतमाला परियोजना में शामिल है. एनएच-58 दिल्ली से मेरठ होता हुआ हरिद्वार से गुजरता है.
अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था भारतमाला कॉरिडोर
अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री की हैसियत 1999 में स्वर्णिम चतुर्भुज योजना की शुरूआत की थी. हालांकि योजना पर काम 2001 में शुरू हो सका.
अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उड़ीसा और पश्चिमी बंगाल को जोड़ने की योजना तैयार की थी. मोदी सरकार ने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का विस्तार करते हुए भारतमाला परियोजना लागू की.
क्या बोले डीएम
डीएम वीरेंद्र सिंह ने बताया कि एनएचएआई ने भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकारी नियुक्त करने को कहा था. हमने एसएलएओ सुल्तान अशरफ सिद्दीकी को सक्षम प्राधिकारी नियुक्त कर दिया है. फाइल एनएचएआई को भेज दी गई है. भारतमाला कॉरिडोर बरेली के विकास में अहम भूमिका निभाएगा.