बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का ज़मीनी सच आया सामने
काश, मैं बेटी न होती..। यह शब्द, डेढ़ साल की उस मासूम के अंतर्मन के हैं, जिसे उसके ही पिता ने सिर्फ इसलिए छत से फेंक दिया, क्योंकि वह एक बेटी थी। दिलों को झकझोर देने वाली यह घटना बरेली के गाँव परधौली में सामने आई। दूसरी बेटी पैदा होने पर नाराज होकर एक पिता ने शराब के नशे में अपनी बड़ी बेटी को मारने का प्रयास किया। उसे छत से फेंक दिया। गंभीर घायल बच्ची को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
पुलिस ने आरोपित पिता को हिरासत में ले लिया है। गाव के हरपाल गंगवार के बेटे अरविंद गंगवार के दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी काव्या का जन्म डेढ़ साल पहले हुआ था। पहली बेटी के जन्म के बाद से ही घर के लोगों में लड़के की चाह थी। इसी बीच अरविंद की पत्नी फिर गर्भवती हो गई। परिजन लड़का पैदा होने की आस लगाए बैठे थे, लेकिन चार दिन पूर्व डिलीवरी होने पर दूसरी संतान भी बेटी पैदा हुई तो परिजन मायूस हो गए।
दूसरी बेटी पैदा होने पर अरविंद और उसकी पत्नी पूजा में झगड़ा भी हुआ। ग्रामीणों के अनुसार बुधवार शाम लगभग 5.30 बजे अरविंद अपनी बेटी काव्या को घुमाने के बहाने गोद में लेकर छत पर गया। जहां मौका मिलते ही उसने अपनी डेढ़ साल की मासूम बच्ची को छत से फेंक दिया। खून से लथपथ बच्ची को नीचे गिरा देख घर में चीख पुकार मच गई। आसपास के लोग दौड़ पड़े। बच्ची के चाचा मनोज ने उसे शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। देर रात तक हालत चिंताजनक बनी हुई थी। घटना की सूचना पर पहुंची थाना पुलिस ने अरविंद को हिरासत में ले लिया है। इंस्पेक्टर श्रीकांत का कहना है कि युवक शराब के नशे में है। उसे हिरासत में ले लिया है। अभी तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।